• 11/08/2024

हिंडनबर्ग का सेबी प्रमुख पर फूटा बम, अडानी केस में लगाए ये गंभीर आरोप, माधबी बुच ने दी सफाई

हिंडनबर्ग का सेबी प्रमुख पर फूटा बम, अडानी केस में लगाए ये गंभीर आरोप, माधबी बुच ने दी सफाई

अमेरिका की शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) ने अडानी ग्रुप के बाद सेबी (SEBI) पर निशाना साधा है। हिंडनबर्ग का आऱोप है कि सेबी की चेयरपर्सन अडानी ग्रुप (Adani Group) से मिली हुई है। शॉर्ट सेलर फर्म का आरोप है कि व्हिसिलब्लोअर से मिले दस्तावेजों से पता चलता है कि जिन ऑफशोर संस्थाओं का इस्तेमाल अडानी मनी साइफनिंग स्कैंडल में हुआ है, उसमें सेबी (SEBI) चेयरपर्सन और उनके पति की हिस्सेदारी थी। मामले में सेबी चेयरपर्सन माधबी बुच ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि सारे आरोप निराधार हैं और ये उन्हें बदनाम करने की कोशिश है।

क्या है हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट?

अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने 10 अगस्त को जारी अपनी रिसर्च रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि व्हिसलब्लोअर से मिले दस्तावेजों से खुलासा होता है सेबी अध्यक्ष माधबी बुच और उनके पति धवल बुच के पास अडानी मनी साइफनिंग घोटाले में इस्तेमाल किए गए दोनों अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि 18 महीने पहले अडानी ग्रुप पर अपनी रिपोर्ट जारी की थी। लेकिन सेबी ने अडानी ग्रुप पर कोई कार्रवाई नहीं की।

हिंडनबर्ग ने कहा कि अडानी ग्रुप पर हमारी मूल रिपोर्ट को लगभग 18 महीने बीत चुके हैं। इस बात के पर्याप्त सबूत पेश किए जा चुके हैं कि भारतीय कारोबारी समूह (अडानी) कॉर्पोरेट इतिहास के सबसे बड़ा घोटाले में संलिप्त रहा है। लेकिन ठोस सबूतों और 40 से अधिक स्वतंत्र मीडिया जांच के बावजूद सेबी ने अदाणी समूह के खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं की। कार्रवाई के बजाय जून 2024 में सेबी ने हमें एक स्पष्ट ‘कारण बताओ’ नोटिस भेजा।

अडानी ग्रुप का मॉरीशल में काले धन नेटवर्क की पूरी जानकारी देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं  की जा रही। अडानी घोटाले में इस्तेमाल की गई ऑफशोर संस्थाओं में सेबी अध्यक्ष और माधबी बुच (Madhabi Puri Buch) और उनके पति धवल बुच (Dhawal Buch) की हिस्सेदारी थी। इन संस्थाओं का संचालन कथित तौर पर अदाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी (Gautam Adani) के बड़े भाई विनोद अडानी (Vinod Adani) करते हैं।

पति को शेयर किए ट्रांसफर

अपनी नई रिपोर्ट में अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म  ने आरोप लगाया कि अप्रैल 2017 से लेकर मार्च 2022 के दौरान माधबी बुच सेबी की मेंबर होने के साथ ही चेयरपर्सन भी थीं। सिंगापुर में उनका अगोरा पार्टनर्स नाम से कंसलटिंग फर्म में 100 फीसदी स्टेक था। 16 मार्च 2022 को सेबी के चेयरपर्सन पर नियुक्ति किए जाने से दो सप्ताह पहले माधबी बुच ने कंपनी में अपने सभी शेयर्स अपने पति धवल बुच (Dhawal Buch) के नाम पर ट्रांसफर कर दिए थे।

माधबी बुच ने दी सफाई

माधबी बुच और उनके पति धवल बुच ने रविवार को हिंडनबर्ग के ताजे रिपोर्ट पर अपनी सफाई दी। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में लगाए गए निराधार आरोपों का हम दृढ़ता से खंडन करते हैं। इनमें कोई भी सच्चाई नहीं है। उन्होंने कहा, “हमारा जीवन और वित्तीय लेनदेन एक खुली किताब की तरह है। पिछले कुछ वर्षों में आवश्यक सभी खुलासे पहले ही सेबी को सौंप दिए गए हैं। हमें किसी भी वित्तीय दस्तावेजों का खुलासा करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है।”

अडानी ग्रुप को लगा था तगड़ा झटका

आपको बता दें पिछले साल जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप पर अपनी रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट जारी होने के बाद शेयर बाजार में भूचाल आ गया था। अडानी ग्रुप के शेयर औंधे मुंह गिर गए थे। इस रिपोर्ट के आने के बाद गौतम अडानी विश्वभर के अमीरों की सूची में नंबर 2 से नंबर 36 पर पहुंंच गए थे।