• 20/08/2024

लेटरल पर अब ‘NO Entry’, मोदी सरकार का U-turn, रद्द की भर्ती

लेटरल पर अब ‘NO Entry’, मोदी सरकार का U-turn, रद्द की भर्ती

लेटरल एंट्री के विज्ञापन पर मचे घमासान के बीच मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। मोदी सरकार ने लेटरल एंट्री विज्ञापन को रद्द कर दिया है। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग मंत्री जितेंद्र सिंह ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को भर्ती रद्द करने के लिए चिट्ठी लिखी है। लेटरल एंट्री की भर्ती का विज्ञापन आने के बाद से विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर है। विपक्ष ने भर्ती पर सवाल उठाते हुए इसे आरक्षण खत्म करने की कोशिश बताया था।

क्या है चिट्ठी में?

यूपीएससी चेयरमैन को लिए गए पत्र में कहा गया है कि लेटरल एंट्री पर 2014 के पहले अधिकतर भर्ती की गई थी और इन्हें एडहॉक स्तर पर किया गया था। प्रधानमंत्री का विश्वास है कि लेटरल एंट्री हमारे संविधान में निहित समानता और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के समान होनी चाहिए, खास तौर पर आरक्षण के प्रावधानों के संबंध में किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए।

चिट्ठी में आगे कहा गया है कि प्रधानमंत्री का मानना है कि सरकारी नौकरी में आरक्षण हमारे सामाजिक न्याय के ढांचे की आधारशिला है, जिसका मकसद ऐतिहासिक रूप से अन्याय सहने वाले लोगों को मौका देना और समावेशिता को बढ़ावा देना है। यह जरूरी है कि सामाजिक न्याय के प्रति संवैधानिक आदेश को बरकरार रखा जाए ताकि हाशिए पर रहने वाले समुदायों के योग्य उम्मीदवारों को सरकारी सेवाओं में उचित प्रतिनिधित्व मिल सके। मैं यूपीएससी से लेटरल एंट्री भर्ती के विज्ञापन को रद्द करने का आग्रह करता हूं।

यूपीएससी ने जारी किया था विज्ञापन

आपको बता दें यूपीएससी ने 17 अगस्त को विभिन्न मंत्रालयों में ज्वाइंट सेक्रेटरी, डायरेक्टर और डिप्टी सेक्रेटरी के पदों पर 45 विशेषज्ञों की नियुक्ति के लिए भर्ती निकाली थी। इन सभी पदों पर लेटरल एंट्री के जरिए भर्ती किया जाना था। विज्ञापन जारी होते ही विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया और सरकार पर आरक्षण खत्म करने का आरोप लगाया था।