• 15/04/2025

बड़ी खबर: नेशनल हेराल्ड केस में ED ने सोनिया और राहुल गांधी समेत इन कांग्रेस नेताओं के खिलाफ दायर किया आरोपपत्र, जानें क्या है पूरा मामला

बड़ी खबर: नेशनल हेराल्ड केस में ED ने सोनिया और राहुल गांधी समेत इन कांग्रेस नेताओं के खिलाफ दायर किया आरोपपत्र, जानें क्या है पूरा मामला

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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे के खिलाफ दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया है। इस मामले में सोनिया गांधी को पहला और राहुल गांधी को दूसरा आरोपी बनाया गया है। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 25 अप्रैल 2025 के लिए निर्धारित की है।

क्या है नेशनल हेराल्ड केस?

नेशनल हेराल्ड केस की शुरुआत 2012 में हुई, जब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने दिल्ली की एक अदालत में शिकायत दर्ज की। स्वामी ने आरोप लगाया कि सोनिया और राहुल गांधी ने यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (YIL) नामक कंपनी के जरिए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को केवल 50 लाख रुपये में हासिल कर लिया। AJL वह कंपनी है, जो नेशनल हेराल्ड अखबार को प्रकाशित करती थी।

स्वामी का दावा है कि कांग्रेस पार्टी ने AJL को 90.25 करोड़ रुपये का ब्याज-मुक्त ऋण दिया, जो बाद में YIL को 50 लाख रुपये में हस्तांतरित कर दिया गया। इसके बाद, AJL, जो इस ऋण को चुकाने में असमर्थ थी, ने अपनी पूरी इक्विटी YIL को सौंप दी। इस प्रक्रिया से YIL ने AJL की संपत्तियों पर नियंत्रण हासिल कर लिया, जिनमें दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, पटना और अन्य शहरों में प्रमुख स्थानों पर अचल संपत्तियां शामिल हैं।

ईडी की जांच और कार्रवाई

ईडी ने इस मामले में 2021 में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की, जो स्वामी की 2014 की शिकायत पर आधारित थी। जांच में ईडी ने दावा किया कि YIL और AJL के बीच लेन-देन में वित्तीय अनियमितताएं हुईं। एजेंसी ने आरोप लगाया कि इस नेटवर्क का इस्तेमाल 18 करोड़ रुपये की फर्जी दान राशि, 38 करोड़ रुपये के अग्रिम किराए और 29 करोड़ रुपये के फर्जी विज्ञापनों के जरिए अवैध धन उत्पन्न करने के लिए किया गया।

12 अप्रैल 2025 को ईडी ने दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में AJL की 661 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की, जिसमें दिल्ली का प्रतिष्ठित हेराल्ड हाउस भी शामिल है। ईडी ने इसे मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम (PMLA) के तहत अपराध की आय माना है।

कांग्रेस का जवाब

कांग्रेस ने ईडी की इस कार्रवाई को “राजनीतिक प्रतिशोध” करार दिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों को जब्त करना एक राज्य प्रायोजित अपराध है, जो कानून के शासन के रूप में छिपाया गया है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करना प्रधानमंत्री और गृह मंत्री द्वारा प्रतिशोध और धमकी की राजनीति का प्रयास है।”

कांग्रेस का कहना है कि YIL एक गैर-लाभकारी कंपनी है, जिसका उद्देश्य नेशनल हेराल्ड को पुनर्जनन देना था। पार्टी ने दावा किया कि कोई भी संपत्ति हस्तांतरित नहीं हुई और AJL अभी भी नेशनल हेराल्ड का प्रकाशक है।

जमानत पर हैं राहुल और सोनिया

इस मामले में सोनिया और राहुल गांधी 2018 से जमानत पर हैं। दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने जांच को आगे बढ़ाने की अनुमति दी है। ईडी ने पहले भी कांग्रेस नेताओं मल्लिकार्जुन खड़गे और पवन बंसल से पूछताछ की थी। अब आरोपपत्र दाखिल होने के बाद यह मामला और गंभीर मोड़ ले सकता है।

आगे क्या?

25 अप्रैल को होने वाली सुनवाई में कोर्ट इस आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के मुद्दे पर विचार करेगी। ईडी को अपने दावों के समर्थन में केस डायरी और अन्य सबूत पेश करने होंगे। यह मामला न केवल कानूनी बल्कि राजनीतिक रूप से भी चर्चा में रहेगा, क्योंकि कांग्रेस इसे बीजेपी सरकार द्वारा विपक्ष को निशाना बनाने की रणनीति के रूप में देख रही है।