- 15/10/2023
नवरात्रि 2023: दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की करें पूजा, जानें पूजन मुहूर्त, विधि, मंत्र और महत्व
नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के दूसरे स्वरुप ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से भक्तों को अनेकों प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती है। माता की विधि पूर्वक पूजा करने से तप की शक्ति, सदाचार, संयम के साथ ही बुद्धि, विवेक और धैर्य जैसे गुणों में वृद्धि होती है।
पूजा का मुहूर्त
- अमृत मुहूर्त – सुबह 06:22 – सुबह 07:48
- उत्तम मुहूर्त – सुबह 09:14 – सुबह 10:40
- शाम का मुहूर्त – शाम 04:25 – शाम 05:51
पूजा विधि
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की उपासना के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। मंत्र के द्वारा आसन को शुद्द कर लें और आचमन करें। उसके बाद दीप प्रज्वलित करें। मां को अर्ध्य दें। अक्षत, सिंदूर, लाल गुड़हल का फूल और सफेद कमल का फूल चढ़ाएं। मां को मिश्री और दूध से बनी चीजों का भोग लगाएं। भोग लगाने के बाद पाठ करें, आरती करें और अंत में गलतियों के लिए क्षमा प्रार्थना करें।
मां ब्रह्मचारिणी के मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
दधाना कपाभ्यामक्षमालाकमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।
मां ने किया था कठोर तप
मां ब्रह्मचारिणी ने राजा हिमालय के घर जन्म लिया था। देवर्षि नारदजी की सलाह पर उन्होंने कठोर तप किया, ताकि वे भगवान शिव को पति स्वरूप में प्राप्त कर सकें। कठोर तप के कारण उनका ब्रह्मचारिणी या तपश्चारिणी नाम पड़ा। भगवान शिव की आराधना के दौरान उन्होंने हजारों वर्ष तक केवल फल खाकर कठिन तपस्या की। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सैकड़ों तक शाक खाकर रहीं। इनकी उपासना से तप, ज्ञान और स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है।