- 24/04/2025
CG: BJP नेता रतन दुबे हत्याकांड में NIA का बड़ा एक्शन, ये कांग्रेस नेता गिरफ्तार


छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में 2023 में हुए भाजपा नेता रतन दुबे हत्याकांड मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को बड़ी सफलता मिली है। NIA ने कांग्रेस नेता और जिला युवा कांग्रेस के महासचिव शिवानंद नाग को रायपुर के मौदहापारा से गिरफ्तार किया है। इस हत्याकांड की जांच लंबे समय से चल रही थी, और यह गिरफ्तारी मामले में एक महत्वपूर्ण कड़ी मानी जा रही है।
क्या है पूरा मामला?
4 नवंबर 2023 को छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से ठीक तीन दिन पहले, नारायणपुर जिले के कौशलनार गांव के साप्ताहिक बाजार में भाजपा के नारायणपुर जिला उपाध्यक्ष और जनपद पंचायत सदस्य रतन दुबे की नृशंस हत्या कर दी गई थी। रतन दुबे चुनाव प्रचार के लिए गांव गए थे और नुक्कड़ सभा को संबोधित कर रहे थे, तभी अज्ञात हमलावरों ने उन पर धारदार हथियारों से हमला कर उनकी हत्या कर दी। इस हमले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसने पूरे राज्य में सनसनी फैला दी थी।
NIA की जांच में सामने आया कि यह हत्या सुपारी किलिंग का मामला था, जिसमें प्रतिबंधित नक्सली संगठन CPI (माओवादी) के सदस्य शामिल थे। जांच में यह भी पाया गया कि हत्या का मकसद चुनावी प्रक्रिया को बाधित करना और स्थानीय लोगों में दहशत फैलाना था।
शिवानंद नाग की गिरफ्तारी
NIA ने लंबी जांच के बाद शिवानंद नाग को रायपुर के मौदहापारा इलाके से गिरफ्तार किया। शिवानंद नाग वर्तमान में जिला युवा कांग्रेस के महासचिव के रूप में कार्यरत हैं। उनकी गिरफ्तारी से हत्याकांड के पीछे की पूरी साजिश का खुलासा होने की उम्मीद है।
पहले हो चुकी हैं 6 गिरफ्तारियां
इस मामले में NIA और छत्तीसगढ़ पुलिस ने पहले ही एक शूटर सहित 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनमें धनसिंह कोर्राम उर्फ सुखदेव कोर्राम, सैनूराम कोर्राम, और लालूराम कोर्राम जैसे नक्सली कैडर शामिल हैं, जिन्हें हत्या की साजिश में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए चार्जशीट किया गया है। NIA की जांच में पाया गया कि धनसिंह कोर्राम ने रतन दुबे की रेकी की थी और हमलावरों को उनकी मौजूदगी की जानकारी दी थी।
सुपारी किलिंग का मामला
पुलिस और NIA के अनुसार, रतन दुबे की हत्या सुपारी किलिंग थी, जिसमें नक्सलियों ने धारदार हथियारों, विशेष रूप से कुल्हाड़ियों, का इस्तेमाल किया। CPI (माओवादी) की बयानार एरिया कमेटी और पूर्वी बस्तर डिवीजन के नक्सलियों ने इस हत्या को अंजाम दिया। हमले के बाद मौके पर नक्सली पर्चे बिखेरे गए थे, जिसमें संगठन ने हत्या की जिम्मेदारी ली और इसे “जनविरोधी नीतियों” के खिलाफ कार्रवाई बताया।
इस हत्याकांड ने 2023 में छत्तीसगढ़ में तीखा राजनीतिक विवाद पैदा किया था। भाजपा ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर नक्सलवाद को नियंत्रित करने में विफलता का आरोप लगाया था। भाजपा नेता ओम माथुर ने इसे “लक्षित हत्या” करार देते हुए कहा था कि नक्सली भाजपा की जीत से डर रहे थे। अब शिवानंद नाग की गिरफ्तारी के बाद यह मामला फिर से सुर्खियों में है, और इससे राज्य में राजनीतिक तनाव बढ़ने की आशंका है।
NIA की कार्रवाई
NIA ने इस मामले में कई बार नारायणपुर और आसपास के नक्सल प्रभावित इलाकों में छापेमारी की है। जून 2024 में टॉयनार, कौशलनार, बडेनहोड, धौदाई, और कोंगेरा गांवों में की गई छापेमारी में 9.90 लाख रुपये नकद, मोबाइल फोन, एक टैबलेट, और नक्सली साहित्य बरामद किए गए थे। अक्टूबर 2024 में भी NIA ने कौशलनार में छापेमारी कर कई संदिग्धों को हिरासत में लिया था।