- 01/04/2024
देश की 17000 एकड़ जमीन PM मोदी ने इस मुस्लिम देश को दे दी, कच्चातिवु द्वीप मामले में अब कांग्रेस का पलटवार, कहा- इसका जवाब कब देंगे
श्रीलंका और तमिलनाडु के बीच स्थित कच्चातिवु द्वीप को लेकर देश की राजनीति गरमाई हुई है। पीएम मोदी ने 31 मार्च को यूपी के मेरठ में कांग्रेस को कच्चातिवु द्वीप को लेकर घेरा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण कच्चातिवु द्वीप को फालतू बताकर मां भारती का एक अंग काट दिया था। PM मोदी पर अब कांग्रेस ने पलटवार किया है। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि बीजेपी को पहले अपने दामन में झांकना चाहिए।
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने केन्द्र की मोदी सरकार पर बंग्लादेश को 17000 एकड़ देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने 7000 एकड़ जमीन के बदले 17000 एकड़ जमीन बंग्लादेश को सौंप दी। तो बीजेपी बंग्लादेश को सौंपी गई जमीन का जवाब कब देगी। उन्होंने कहा, “लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही गवाह है। अभी भारत और बांग्लादेश के बीच वार्ता हुई थी। क्या आपने (मोदी सरकार) 7000 एकड़ जमीन के बदले 17,000 की भूमि उन्हें नहीं सौंपी? ये 10,000 एकड़ का जवाब कब देंगे आप? पहले अपने दामन में झांकें।”
कांग्रेस सांसद ने आगे कहा, “इतिहास में क्या हुआ इसका जवाब कई चुनाव में जनता दे चुकी है। आज आपको तमिलनाडु के लिए पीड़ा हो रही है लेकिन जब आप तमिल भाषा के खिलाफ बोलते थे तब आपको पीड़ा नहीं होती थी। चुनाव के समय आपको वहां की चिंता हो रही है। जिस दिन आपको वहां (तमिलनाडु) से वोट मिल जाएगा फिर आप 5 साल तक नहीं बोलेंगे।”
कांग्रेस ने कच्चातिवु द्वीप श्रीलंका को दे दिया- PM मोदी
आपको बता दें रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उत्तर प्रदेश के मेरठ में थे। यहां उन्होंने एक जनसभा के दौरान उन्होंने कहा कि पता चल रहा है कि किस तरह से कांग्रेस ने कच्चातिवु द्वीप दे दिया। लोग जानते हैं कि वे अब कांग्रेस पर भरोसा नहीं कर सकते हैं। पिछले 75 सालों में कांग्रेस ने भारत की एकता, अखंडता और हितों को कमजोर किया है। पीएम ने आगे कहा कि श्रीलंका और तमिलनाडु के बीच कच्चातिवु द्वीप है, जो सुरक्षा के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है। आजादी के समय ये भारत का अभिन्न अंग था।
पीएम मोदी ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने ने चार-पांच दशक पहले कच्चातिवु द्वीप को फालतू बताते हुए मां भारती का एक अंग को काट दिया और भारत से अलग कर दिया। अब जब भारतीय मछुआरे वहां मछली पकड़ने जाते हैं तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता है।