• 13/08/2025

 ‘मुझे जान का खतरा’, राहुल गांधी ने पुणे कार्ट में दी अर्जी

 ‘मुझे जान का खतरा’, राहुल गांधी ने पुणे कार्ट में दी अर्जी

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पुणे की विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट में दावा किया है कि उनकी जान को खतरा है। यह बयान विनायक दामोदर सावरकर के परपोते सत्यकी सावरकर द्वारा दायर मानहानि मामले की सुनवाई के दौरान आया। राहुल गांधी ने कोर्ट से अपनी सुरक्षा और मुकदमे की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए ‘प्रिवेंटिव प्रोटेक्शन’ की मांग की है। उन्होंने शिकायतकर्ता सत्यकी सावरकर की पारिवारिक पृष्ठभूमि और हाल के राजनीतिक विवादों को अपनी आशंकाओं का आधार बताया।

क्या है पूरा मामला?

यह मानहानि मामला मार्च 2023 में लंदन में राहुल गांधी के एक भाषण से जुड़ा है। सत्यकी सावरकर ने आरोप लगाया कि राहुल ने अपने भाषण में दावा किया था कि वी.डी. सावरकर ने अपनी किताब में लिखा है कि उन्होंने और उनके पांच-छह दोस्तों ने एक मुस्लिम व्यक्ति को पीटा और इस पर उन्हें खुशी हुई। सत्यकी ने इसे झूठा और मानहानिकारक बताते हुए राहुल के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया, जिसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के तहत सजा और धारा 357 के तहत मुआवजे की मांग की गई है। सत्यकी ने दावा किया कि सावरकर की रचनाओं में ऐसी कोई घटना का उल्लेख नहीं है।

राहुल गांधी की आशंकाएं

राहुल गांधी ने अपने वकील मिलिंद पवार के माध्यम से दायर आवेदन में कहा कि सत्यकी सावरकर ने 29 जुलाई को कोर्ट में दिए लिखित बयान में स्वीकार किया है कि वह नाथूराम गोडसे और गोपाल गोडसे, जो महात्मा गांधी की हत्या के मुख्य आरोपी थे, के मातृवंशीय वंशज हैं। राहुल ने दावा किया कि इस वंशावली का हिंसक और असंवैधानिक विचारधारा से जुड़ा इतिहास उनकी सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करता है। उन्होंने हाल के राजनीतिक विवादों का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने चुनाव आयोग पर मतदाता सूची में गड़बड़ी का आरोप लगाया और संसद में ‘वोट चोर सरकार’ का नारा दिया। इसके अलावा, उन्होंने संसद में कहा था कि “सच्चा हिंदू हिंसक नहीं होता,” जिसके बाद बीजेपी नेताओं से उन्हें धमकियां मिलीं। राहुल ने दावा किया कि कुछ बीजेपी सांसदों ने उन्हें उनकी दादी, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जैसा अंजाम भुगतने की धमकी दी।

‘प्रिवेंटिव प्रोटेक्शन’ की मांग

राहुल गांधी ने कोर्ट से अपील की कि उनकी जान को खतरा और मुकदमे की निष्पक्षता पर संदेह को देखते हुए कोर्ट उनकी सुरक्षा के लिए ‘प्रिवेंटिव प्रोटेक्शन’ का आदेश दे। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता और सावरकर-गोडसे विचारधारा के समर्थकों से उन्हें नुकसान, झूठे फंसाए जाने या अन्य तरह की साजिश का डर है। उनके वकील मिलिंद पवार ने इसे एक एहतियाती कदम बताया, जिसका मकसद मुकदमे की निष्पक्षता और पारदर्शिता को बनाए रखना है।

सत्यकी सावरकर का जवाब

सत्यकी सावरकर ने राहुल के आवेदन को ‘तुच्छ’ और मुकदमे को टालने की कोशिश करार दिया। उन्होंने कहा कि राहुल द्वारा आवेदन में उठाए गए बिंदु इस मामले से असंबंधित हैं। सत्यकी ने जोर देकर कहा कि उनका मुकदमा केवल राहुल के कथित मानहानिकारक बयानों पर आधारित है।

कोर्ट का रुख और अगली सुनवाई

पुणे की विशेष कोर्ट ने राहुल गांधी को इस मामले में पहले ही जमानत दे दी है और उन्हें व्यक्तिगत पेशी से स्थायी छूट भी दी है। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 10 सितंबर 2025 को निर्धारित की है। इससे पहले, राहुल ने सत्यकी सावरकर के खिलाफ कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करने का आरोप लगाते हुए अवमानना कार्यवाही की मांग की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि सत्यकी ने उनके भाषण की मूल सीडी और प्रमाणित ट्रांसक्रिप्ट जमा नहीं की।