- 07/12/2022
आरक्षण ने बढ़ाई सरकार की चिंता, राज्यपाल ने अब तक नहीं किए विधेयक पर हस्ताक्षर
छत्तीसगढ़ में 76 फीसदी आरक्षण विधानसभा से पारित हो गया है लेकिन अभी भी इसे राज्यपाल के हस्ताक्ष का इंतजार है। राज्यपाल अनुसूईया उइके ने अभी भी इस पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। देरी की वजह राज्यपाल इस पर कानूनी सलाहकारों और वरिष्ठ अफसरों से इस पर सलाह ले रही हैं। चार दिन बीत जाने के बाद भी विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं होने से सरकार की चिंता बढ़ गई है। संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे ने इस पर चिंता जताई है।
रविन्द्र चौबे ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह विधेयक सर्वसम्मति से पारित हुआ था। महामहिम ने स्वयं कहा था कि विशेष सत्र बुलाकर आरक्षण के पक्ष में कानून बनना चाहिए। उन्होंने स्टेटमेंट भी दिया था कि जैसे ही बिल उनके पास आएगा वे तत्काल अनुमति जारी कर देंगी। इस आधार पर हम पांच मंत्रियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने उसी दिन राजभवन जाकर विधानसभा की कार्यवाही से उन्हें अवगत कराया था।
आपको बता दें छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 19 सिंतबर को फैसला सुनाते हुए 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण को असंवैधानिक बताते हुए प्रदेश में लागू 58 फीसदी आरक्षण को खारिज कर दिया था। जिसके बाद प्रदेश में अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़ा वर्ग का आरक्षण शून्य हो गया था। मामले में राज्य सरकार ने 1 और 2 दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया था। जिसमें सरकार ने विधेयक में आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 76 फीसदी कर दी थी। जिसे विधानसभा ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया था।