- 29/07/2025
‘बाटला हाउस एनकाउंटर की तस्वीर देखकर सोनिया फूट-फूटकर रोई थी’, अमित शाह का लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बयान, कहा- शहीद के लिए रोना था आतंकी के लिए नहीं

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन महादेव का ब्योरा देते हुए पहलगाम आतंकी हमले और भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई पर विस्तार से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला और 2008 के बाटला हाउस एनकाउंटर को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद के एक पुराने बयान का जिक्र किया, जिसके बाद सदन में जोरदार हंगामा हुआ।
शाह ने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की हत्या करने वाले तीन पाकिस्तानी आतंकवादी—सुलेमान, जिब्रान और हमजा अफगानी—को भारतीय सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई ‘ऑपरेशन महादेव’ में मार गिराया गया। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। शाह ने जोर देकर कहा कि इन कार्रवाइयों में कोई भी पाकिस्तानी नागरिक निशाना नहीं बना, और भारत ने अपनी आत्मरक्षा के अधिकार के तहत यह कार्रवाई की।
बाटला हाउस पर सोनिया फूट-फूटकर रोई थीं..
शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए 2008 के बाटला हाउस एनकाउंटर का जिक्र किया, जिसमें दिल्ली पुलिस ने इंडियन मुजाहिद्दीन के दो आतंकवादियों को मार गिराया था, लेकिन इस दौरान इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा शहीद हो गए थे। शाह ने कहा, “मैं सलमान खुर्शीद जी को याद करना चाहता हूं। एक सुबह नाश्ते के दौरान मैंने टीवी पर देखा कि सलमान खुर्शीद सोनिया गांधी के आवास से रोते हुए निकले। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी बाटला हाउस की तस्वीरों पर फूट-फूटकर रो पड़ीं। अगर रोना था, तो शहीद मोहन शर्मा के लिए रोना चाहिए था, आतंकवादियों के लिए नहीं।”
शाह के इस बयान पर विपक्षी सांसदों ने कड़ा विरोध जताया और सदन में हंगामा शुरू हो गया। शाह ने तुरंत कहा कि उनके पास सलमान खुर्शीद का वह इंटरव्यू मोबाइल में मौजूद है और वे इसे संसद के टीवी पर चलाने को तैयार हैं। उन्होंने कहा, “मान्यवर ये मांग रहे हैं, बताओ, चलाना है या नहीं? कल समय तय करिए, चारों टीवी पर चलवा दूंगा, देश की जनता भी देख लेगी।”
प्रियंका गांधी का जवाब
कांग्रेस महासचिव और पहली बार लोकसभा सांसद प्रियंका गांधी ने शाह के हमले का जवाब देते हुए कहा, “मेरी मां के आंसू तब गिरे जब उनके पति को आतंकवादियों ने शहीद किया, जब वह मात्र 44 साल की थीं। आज अगर मैं इस सदन में खड़ी हूं और उन 26 लोगों की बात कर रही हूं, तो इसलिए कि मैं उनका दर्द महसूस करती हूं।” प्रियंका ने सरकार पर सवाल उठाते हुए पूछा कि इतने भारी सैन्य क्षेत्र में पहलगाम जैसे हमले कैसे हो गए और सरकार ने जवाबदेही क्यों नहीं ली।
क्या था सलमान खुर्शीद का बयान?
दरअसल, 2012 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान आजमगढ़ में एक रैली में सलमान खुर्शीद ने बाटला हाउस एनकाउंटर का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि सोनिया गांधी को इस घटना की तस्वीरें दिखाने पर उनके आंसू फूट पड़े और उन्होंने तुरंत प्रधानमंत्री से बात करने को कहा। इस बयान को लेकर तब भी काफी विवाद हुआ था, और अब शाह ने इसे फिर से उठाकर कांग्रेस को कटघरे में खड़ा किया।
विपक्ष का आरोप, सरकार का जवाब
प्रियंका गांधी ने सरकार से सवाल किया कि पहलगाम में बाइसारन घाटी में एक भी सैनिक की मौजूदगी क्यों नहीं थी, जबकि वहां पर्यटकों की भीड़ थी। उन्होंने कहा कि सरकार ने दावा किया था कि कश्मीर आतंकवाद मुक्त है, फिर भी इतना बड़ा हमला कैसे हुआ। दूसरी ओर, शाह ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क को बेनकाब किया और ऑपरेशन महादेव ने हमलावरों को ढेर किया। उन्होंने विपक्ष से इस सफलता पर खुशी जताने की अपेक्षा की, लेकिन निराशा जाहिर की कि विपक्ष इसे राजनीतिक रंग दे रहा है।
ऑपरेशन की टाइमलाइन
शाह ने बताया कि पहलगाम हमले के बाद 1,055 लोगों से पूछताछ की गई, जिसमें स्थानीय लोग, पर्यटक और पशुपालक शामिल थे। इसके आधार पर आतंकियों की पहचान की गई और ऑपरेशन महादेव में सुलेमान, जिब्रान और अफगानी को मार गिराया गया। ये तीनों लश्कर-ए-तैयबा के ‘ए’ श्रेणी के आतंकी थे। उन्होंने यह भी कहा कि राइफल्स की फोरेंसिक जांच से इनकी पहलगाम हमले में संलिप्तता साबित हुई।