- 03/06/2022
आर्य समाज के विवाह प्रमाण पत्र को स्वीकार करने से सुप्रीम कोर्ट का इंकार, कहा- उन्हें अधिकार नहीं
नई दिल्ली। आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र को कानूनी मान्यता देने से सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि आर्य समाज का काम विवाह प्रमाण पत्र जारी करना नहीं है। यह काम सक्षम प्राधिकरण द्वारा किया जाता है। सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी नाबालिग लड़की के अपहरण और रेप से जुड़े एक मामले में आरोपी की जमानत अर्जी की सुनवाई के दौरान की।
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मामला प्रेम विवाह का है। लड़की के परिजनों ने लड़के के खिलाफ रेप और अपहरण की एफआईआर दर्ज कराई थी। लड़के ने आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाण पत्र कोर्ट में प्रस्तुत किया। युवक का कहना है कि लड़की बालिग है और मर्जी से आर्य समाज में शादी की है। मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने लड़के द्वारा दी गई दलील को खारिज कर दिया।
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सुप्रीम कोर्ट ने आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाण पत्र को भी मानने से इंकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि आर्य समाज का काम विवाह प्रमाण पत्र जारी करना नहीं है। विवाह प्रमाण पत्र सक्षम प्राधिकरण द्वारा जारी किया जाता है। इसलिए असली प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें। इस मामले में अप्रैल में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करने के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया था।
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