• 02/10/2024

Surya Grahan 2024: आज साल का आखिरी सूर्य ग्रहण, जानें भारत सहित दुनिया में क्या पड़ेगा इसका प्रभाव

Surya Grahan 2024: आज साल का आखिरी सूर्य ग्रहण, जानें भारत सहित दुनिया में क्या पड़ेगा इसका प्रभाव

Follow us on Google News

साल का आखिरी सूर्य ग्रहण आज लगने जा रहा है। सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है। ज्योतिष शास्त्र में भी इसका विशेष महत्व है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक ग्रहण का मानव जीवन पर बड़ा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में खगोल वैज्ञानिकों के साथ ही ज्योतिष शास्त्र से जुड़े विद्वानों की भी इस पर नजर होती है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक ग्रहण के पहले सूतक काल लगता है। ग्रहण और सूतक काल को लेकर मान्यता है कि इस दौरान कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिए। हालांकि बच्चों और बुजुर्गों पर यह लागू नहीं होता। इसके साथ ही इस दौरान मंदिरों के पट बंद रखे जाते हैं। आइए जानते हैं सूर्य ग्रहण कहां-कहां दिखाई देगा और इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।

इन देशों में ग्रहण दिखाई देगा

साल का दूसरा और आखरी सूर्यग्रहण आज कृष्ण पक्ष अमावस्या पर लगने जा रहा है। आज पितृमोक्ष अमावस्या भी है। साल का यह अंतिम सूर्य ग्रहण दक्षिण अमेरिका, होनोलूलू, ब्राजील, मेक्सिको, फिजी, पेरू, चिली प्रशांत महासागर, अटलांटिक, अंटार्कटिका, आर्कटिक, अर्जेंटिना, उरुग्वे फ्रेंच पॉलिनेशिया महासागर, ब्यूनस आयर्स और मेक्सिको में दिखाई देगा।

यह सूर्य ग्रहण की अवधि 6 घंटे 4 मिनट की है। यह भारतीय समयानुसार आज रात 9 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगा और 3 अक्टूबर की मध्यरात्रि 3 बजकर 17 मिनट पर यह समाप्त हो जाएगा।

भारत में क्या होगा इसका प्रभाव?

साल का यह आखरी सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इस वजह से इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। इसके साथ ही देश-प्रदेश में इसका किसी भी तरह का कोई प्रभाव नहीं देखने को मिलेगा। शास्त्रों के मुताबिक ग्रहण जहां दिखाई देता है, उन्हीं स्थानों पर इसका प्रभाव पड़ता है।

दुनिया पर क्या पड़ेगा प्रभाव?

ज्योतिषियों के मुताबिक यह सूर्य ग्रहण कन्या राशि में लगने जा रहा है। सूर्य ग्रहण के दौरान राहू की सूर्य पर पूर्ण दृष्टि होगी। ग्रहण के दौरान सूर्य, चंद्रमा, बुध और केतु का संयोग बनेगा। इसके साथ ही शनि के साथ सूर्य का षडाष्टक योग भी बनेगा। ज्योतिषियों के मुताबिक सूर्य ग्रहण की इस स्थिति से दुनिया भर में राजनीतिक रुप से भयंकर उथल-पुथल मच सकती है। शेयर बाजार में उथल-पुथल मच सकती है। विश्व के कई देशों में युद्ध और प्राकृतिक आपदाएं आ सकती हैं।