• 11/04/2023

टीएस सिंहदेव के बयान ने बढ़ाई कांग्रेस की टेंशन, CG के मंत्री का सचिन पायलट के अनशन को समर्थन, मचा हड़कंप

टीएस सिंहदेव के बयान ने बढ़ाई कांग्रेस की टेंशन, CG के मंत्री का सचिन पायलट के अनशन को समर्थन, मचा हड़कंप

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राजस्थान में पूर्व डिप्टी सीएम और कांग्रेस नेता सचिन पायलट जयपुर में आज अनशन पर बैठ गए हैं। सचिन पायलट के अनशन को पार्टी विरोधी गतिविधि करार दिया गया है। पायलट के अनशन से जहां राजस्थान की सियासत गरमा गई है। वहीं अब इसकी आंच छत्तीसगढ़ तक भी आ गई है। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने सचिन पायलट के समर्थन में एक बयान दिया है। सिंहदेव के इस बयान से दिल्ली से लेकर छत्तीसगढ़ तक पार्टी के भीतर हड़कंप मच गया है।

सिंहदेव ने पार्टी के खिलाफ जाकर अनशन कर रहे सचिन पायलट का समर्थन किया है। सिंहदेव ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि सचिन पायलट ने कोई लक्ष्मण रेखा पार की है। यह पार्टी विरोधी गतिविधि नहीं है। सचिन पायलट को लगता होगा कि चुनाव के समय उन्हें मतदाताओं को जवाब देना पड़ेगा कि वसुंधरा राजे की सरकार में बहुत भ्रष्टाचार हुआ है। और हम उसकी जांच कराएंगे। जांच नहीं हुई तो आप क्या कर रहे थे, आप सरकार के हिस्सा थे। आप ने उसके लिए क्या किया। आप हमारे पास वोट मांगने के लिए फिर से आए हैं। हम आपको कैसे वोट दें, जिन बातों को आपने कहा उसे पूरा क्यों नहीं किया।

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सिंहदेव ने आगे कहा कि मैं इसे सरकार के खिलाफ आंदोलन नहीं मानता हूं। वसुंधरा राजे के खिलाफ जांच होनी चाहिए। मैं इसे वसुंधरा राजे के खिलाफ आवाज उठाने के तौर पर देख रहा है। सिंहदेव ने कहा आप हमेशा चुप बैठो, जो हो रहा है होने दो, कल कान पकड़कर पब्लिक आपको बाहर करेगी। इससे पार्टी को ही नुकसान होगा। प्रजातंत्र के अंदर यह नहीं है कि मुह नहीं खोलना है।

मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने का दर्द गाहे-बगाहे सिंहदेव की जुबान पर आते रहा है। कई मौकों पर उनकी नाराजगी भी खुलकर सामने आई। दरअसल साल 2018 में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री बनाए जाने के फार्मूले की बात निकलकर सामने आई थी। बतौर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ढाई साल पूरी होने के बाद दोनों नेताओं ने दिल्ली की दौड़ लगाई थी। इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सिंहदेव को मात देते हुए आलाकमान के सामने विधायकों की परेड तक करवा दी।

मुख्यमंत्री की रेस में पिछड़ने के बाद सिंहदेव ने पिछले साल पंचायत विभाग से इस्तीफा दे दिया था। सिंहदेव के इस्तीफे से पार्टी के भीतर हड़कंप मच गया था। सिंहदेव की नाराजगी को विपक्षी पार्टी बीजेपी ने भी कई दफे भुनाने की भी कोशिश की।

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