- 03/10/2025
खरीदो सोना-चांदी क्योंकि… बोले दुनिया के दिग्गज निवेशक, पढिए पूरी खबर

दुनिया भर के शेयर बाजारों में पिछले कुछ महीनों से जबरदस्त उतार-चढ़ाव का दौर चल रहा है। अमेरिका और चीन के बीच तेज होती ट्रेड वॉर और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आक्रामक टैरिफ फैसलों ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को तनावपूर्ण बना दिया है। ऐसे हालात में निवेशक सुरक्षित संपत्तियों की तलाश में हैं, और इस बीच वॉरेन बफेट जैसे दिग्गज निवेशक का सोना-चांदी की ओर झुकाव सबको चौंका रहा है। बर्कशायर हैथवे की रिकॉर्ड कैश रिजर्व (344-348 अरब डॉलर) और बफेट के हालिया बयानों से साफ संकेत मिल रहा है कि बाजार में बड़ी मंदी के बादल मंडरा रहे हैं।
ट्रंप टैरिफ्स का कहर: बाजारों में 15% की गिरावट, रिसेशन का डर
ट्रंप प्रशासन ने 2025 की शुरुआत में ही व्यापक टैरिफ नीति लागू की, जिसमें सभी व्यापारिक साझेदारों पर 10% का बेसलाइन टैरिफ, चीन पर 54% (बाद में 245% तक बढ़ाने की धमकी), कनाडा-मेक्सिको पर 25% फेंटेनिल-संबंधी टैरिफ और यूरोपीय संघ पर 20% शामिल हैं। इससे वैश्विक सप्लाई चेन बाधित हो गईं, और अमेरिकी घरेलू उपभोक्ताओं पर औसतन 1,300 डॉलर का अतिरिक्त बोझ पड़ा। चीन ने जवाबी कार्रवाई में अमेरिकी सामानों पर 34% टैरिफ लगाए, जिससे एसएंडपी 500 इंडेक्स में 15% की गिरावट आ गई। जेपी मॉर्गन रिसर्च के अनुसार, वैश्विक जीडीपी ग्रोथ 2025 में 1.4% तक सिमट सकती है, जो साल की शुरुआत के 2.1% अनुमान से काफी कम है।
मार्च 2025 में ट्रंप के ‘लिबरेशन डे’ घोषणा के बाद बाजारों में भारी अस्थिरता आई, जब स्टॉक 3.5% लुढ़क गए। मई में 90 दिनों के लिए टैरिफ पर विराम ने अस्थायी राहत दी, लेकिन अनिश्चितता बरकरार है। विशेषज्ञों का कहना है कि ये टैरिफ्स अमेरिकी निर्यातकों को नुकसान पहुंचा रहे हैं, जिससे नौकरियां जा रही हैं और उपभोक्ता खर्च घट रहा है। वेल्स फार्गो इन्वेस्टमेंट इंस्टीट्यूट ने चेतावनी दी है कि 2025 में अमेरिकी अर्थव्यवस्था की ग्रोथ ‘अप्रत्याशित रूप से आक्रामक’ टैरिफ्स से काफी कम हो सकती है।
बफेट का ‘उलटफेर’: सोना-चांदी को अब ‘समर्थन’, पुरानी आलोचना भूल गए?
वॉरेन बफेट, जिन्हें ‘ओमाहा के ओरेकल’ कहा जाता है, ने दशकों तक सोने को ‘गैर-उत्पादक संपत्ति’ बताया था। 1998 में उन्होंने कहा था कि सोना ‘केवल भंडारण के लिए है, इससे कुछ पैदा नहीं होता।’ 2011 के बर्कशायर लेटर में उन्होंने इसे ‘न उपयोगी न प्रजनन करने वाला’ करार दिया। लेकिन 2025 के हालात ने सब बदल दिया। 2020 में बर्कशायर ने बैरिक गोल्ड में 560 मिलियन डॉलर का निवेश किया था, जो बाद में बेच दिया गया। अब, 2025 में सोने की कीमतें रिकॉर्ड 3,872 डॉलर प्रति औंस छू चुकी हैं, और बफेट के हालिया बयानों में सोना-चांदी की तारीफ साफ झलक रही है।
बर्कशायर का कैश रिजर्व 344-348 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जो ओवरवैल्यूड स्टॉक्स से दूर रहने का संकेत है। विशेषज्ञों का मानना है कि बफेट महंगाई, जियोपॉलिटिकल जोखिम और फेड रिजर्व की स्वतंत्रता पर खतरे को देखते हुए ‘हार्ड एसेट्स’ की ओर मुड़ रहे हैं। चांदी में भी बफेट का पुराना इतिहास है—1997-98 में उन्होंने 129.7 मिलियन औंस (लगभग 680 मिलियन डॉलर) खरीदी थी।
‘बफेट का समर्थन क्रैश का संकेत, शेयर-बॉन्ड गिरेंगे’
‘रिच डैड पुअर डैड’ के लेखक रॉबर्ट कियोसाकी ने बफेट के इस बदलाव पर सोशल मीडिया पर तीखा प्रहार किया। 1 अक्टूबर को एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट में उन्होंने लिखा, “मुझे उल्टी करने का मन कर रहा है… बफेट ने सालों तक सोना-चांदी निवेशकों का मजाक उड़ाया, लेकिन अब उनका समर्थन साफ संकेत है कि शेयर और बॉन्ड क्रैश होने वाले हैं। डिप्रेशन आगे?” कियोसाकी ने निवेशकों को सलाह दी, “बफेट की सुनो और सोना, चांदी, बिटकॉइन, एथेरियम खरीदो।”
कियोसाकी लंबे समय से कागजी संपत्तियों (शेयर, बॉन्ड) के पतन की चेतावनी दे रहे हैं। उनका मानना है कि 1929 की महामंदी से भी बड़ी मंदी आ सकती है। उन्होंने कहा कि अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा कर्जदार देश है, और मुद्रा छापने की सीमा पार हो चुकी है। कियोसाकी बिटकॉइन को ‘डिजिटल गोल्ड’ मानते हैं, जो सीमित सप्लाई के कारण भविष्य का बड़ा निवेश है।
सोना-चांदी की चमक: 2025 में 45-55% की तेजी, सेफ हेवन की वापसी
2025 में सोने की कीमतें 35-45% उछल चुकी हैं, जो अब 3,800 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती हैं। चांदी ने इससे बेहतर प्रदर्शन किया—साल की शुरुआत में 28.92 डॉलर से बढ़कर 46 डॉलर प्रति औंस, यानी 55% की तेजी। ग्रीन एनर्जी, इलेक्ट्रॉनिक्स और निवेश डिमांड से चांदी चमक रही है।
गोल्ड-सिल्वर रेशियो 86:1 पर है, जो चांदी को अंडरवैल्यूड दिखाता है। केंद्रीय बैंक रिकॉर्ड सोना खरीद रहे हैं, डॉलर से दूर भागने के लिए। बिटकॉइन भी ‘डिजिटल गोल्ड’ के रूप में लोकप्रिय हो रहा है।
नोट: यह खबर जानकारी के लिए है। हम किसी को भी निवेश करने की सलाह नहीं देते। कहीं भी निवेश करने से पहले विशेषज्ञों की सलाह जरूर लें। किसी भी लाभ-हानि के लिए हम जिम्मेदार नहीं हैं।