• 25/08/2025

छापा पड़ा तो दीवार फांदकर भागने लगे विधायक, ED ने दौड़ाकर पकड़ा, जानें किस मामले में हुई गिरफ्तारी

छापा पड़ा तो दीवार फांदकर भागने लगे विधायक, ED ने दौड़ाकर पकड़ा, जानें किस मामले में हुई गिरफ्तारी

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पश्चिम बंगाल के स्कूलों में शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति में कथित अनियमितताओं के मामले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के विधायक जिबन कृष्ण साहा को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई सोमवार (25 अगस्त, 2025) को मुरशिदाबाद जिले में उनके आवास पर की गई छापेमारी के दौरान हुई। अधिकारियों के अनुसार, साहा ने छापेमारी की खबर मिलते ही अपने घर की चारदीवारी फांदकर भागने की कोशिश की, लेकिन ईडी और केंद्रीय बलों ने उन्हें एक खेत में पकड़ लिया। उनके शरीर पर कीचड़ लगा हुआ था।

सबूत मिटाने की कोशिश, तालाब से बरामद हुए फोन

ईडी अधिकारी ने बताया कि साहा ने सबूत मिटाने के इरादे से अपने दो मोबाइल फोन घर के पास एक तालाब में फेंक दिए। हालांकि, ईडी ने दोनों फोन बरामद कर लिए हैं और उन्हें फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा। अधिकारी ने कहा, “विधायक से पूछताछ जारी है। उनके निजी सहायक (पीए) के आवास पर भी छापेमारी की जा रही है।” छापेमारी बीरभूम जिले के एक व्यक्ति द्वारा कथित भर्ती घोटाले से जुड़े पैसे के लेन-देन की सूचना के आधार पर की गई।

पहले भी हो चुकी है गिरफ्तारी

बुरवान विधानसभा क्षेत्र के विधायक जिबन कृष्ण साहा को इस घोटाले के सिलसिले में पहले भी गिरफ्तार किया जा चुका है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उन्हें 17 अप्रैल, 2023 को गिरफ्तार किया था, और मई 2024 में उन्हें जमानत मिली थी। वर्तमान में वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जमानत पर हैं। सीबीआई इस मामले के आपराधिक पहलुओं की जांच कर रही है, जबकि ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के पहलू पर जांच कर रही है।

घोटाले में कई बड़े नाम शामिल

इस मामले में ईडी ने पहले पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी, टीएमसी विधायक और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य समेत कई अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था। चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद टीएमसी ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया था। ईडी ने इस मामले में अब तक चार आरोप पत्र दाखिल किए हैं।

जांच का दायरा और पृष्ठभूमि

ईडी की यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की गई है। जांच का आधार सीबीआई द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी है, जिसे कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश पर ग्रुप ‘सी’ और ‘डी’ कर्मचारियों, कक्षा 9 से 12 के सहायक शिक्षकों और प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए शुरू किया गया था। साहा की पत्नी से भी इस मामले में पहले पूछताछ की गई थी।

नाटकीय छापेमारी और गिरफ्तारी

छापेमारी के दौरान साहा के भागने की कोशिश और उनके फोन तालाब में फेंकने की घटना ने इस मामले को और नाटकीय बना दिया है। ईडी ने साहा को गैर-सहयोग के आधार पर गिरफ्तार किया है और उन्हें जल्द ही विशेष अदालत में पेश किया जाएगा, जहां एजेंसी उनकी हिरासत की मांग करेगी। इस मामले में और भी खुलासे होने की संभावना है, क्योंकि ईडी साहा के रिश्तेदारों और सहयोगियों के ठिकानों पर भी जांच कर रही है।
यह घोटाला पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं को लेकर चल रही व्यापक जांच का हिस्सा है, जिसने कई हाई-प्रोफाइल नेताओं को प्रभावित किया है।