- 12/07/2025
तुमने फ्यूल क्यों बंद किया? एयर इंडिया प्लेन क्रैश से पहले एक पायलेट ने दूसरे से पूछा, अहमदाबाद विमान हादसे की जांच रिपोर्ट में कई खुलासे

गुजरात के अहमदाबाद में 12 जून 2025 को हुए एयर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सामने आ गई है। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) द्वारा जारी 15 पेज की इस रिपोर्ट में कई सनसनीखेज खुलासे हुए हैं, जो इस भीषण हादसे की वजहों पर नई रोशनी डालते हैं। इस हादसे में 242 यात्रियों और चालक दल के 241 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि एक यात्री चमत्कारिक रूप से बच गया।
कॉकपिट में पायलटों की बातचीत का खुलासा
रिपोर्ट के अनुसार, उड़ान भरने के महज 32 सेकंड बाद विमान के दोनों इंजनों के फ्यूल कटऑफ स्विच एक सेकंड के अंतराल में ‘रन’ से ‘कटऑफ’ स्थिति में चले गए, जिससे इंजनों को ईंधन की आपूर्ति बंद हो गई। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) में दर्ज बातचीत में एक पायलट को दूसरे से पूछते सुना गया, “तुमने फ्यूल क्यों कट किया?” इसके जवाब में दूसरा पायलट कहता है, “मैंने ऐसा नहीं किया।” यह संवाद दर्शाता है कि फ्यूल स्विच का बंद होना पायलटों की जानकारी के बिना हुआ, जिससे मानवीय चूक की संभावना पर सवाल उठते हैं।
हादसे का कारण: फ्यूल सप्लाई में रुकावट
AAIB की रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि फ्यूल कटऑफ स्विच के बंद होने से दोनों इंजनों की शक्ति तुरंत खत्म हो गई, जिसके चलते विमान 650 फीट की ऊंचाई तक पहुंचने के बाद तेजी से नीचे गिरने लगा। पायलटों ने तुरंत फ्यूल स्विच को ‘रन’ स्थिति में लाने की कोशिश की, लेकिन समय और ऊंचाई की कमी के कारण इंजन दोबारा शुरू नहीं हो सके। इसके कुछ सेकंड बाद ही पायलटों ने ‘मेडे’ कॉल जारी की, लेकिन तब तक विमान अहमदाबाद के मेघानी नगर में बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकरा गया। हादसे में विमान में सवार लोगों के अलावा जमीन पर मौजूद 33 लोगों की भी मौत हुई।
पायलटों का अनुभव और जांच का फोकस
विमान का संचालन कैप्टन सुमीत सभरवाल कर रहे थे, जिनके पास 15,638 घंटे से अधिक का उड़ान अनुभव था, जिसमें 8,596 घंटे बोइंग 787 पर थे। सह-पायलट क्लाइव कुंदर के पास 3,403 घंटे का उड़ान अनुभव था। उड़ान के समय सह-पायलट विमान को उड़ा रहे थे, जबकि कैप्टन निगरानी कर रहे थे। जांच का मुख्य फोकस फ्यूल कंट्रोल स्विच की गतिविधियों पर है, क्योंकि विशेषज्ञों का कहना है कि इन स्विच को गलती से बंद करना आसान नहीं है। अमेरिकी विमानन सुरक्षा विशेषज्ञ जॉन कॉक्स ने कहा, “आप इन्हें बस छूकर नहीं हिला सकते। स्विच को बंद करने के लिए मेटल स्टॉप लॉक मैकेनिज्म को ऊपर उठाना पड़ता है।”
कोई तकनीकी खराबी नहीं, फिर भी सवाल बरकरार
रिपोर्ट में अब तक कोई स्पष्ट तकनीकी खराबी नहीं पाई गई है। बोइंग और इंजन निर्माताओं ने भी इस मामले में टिप्पणी करने से इनकार किया है। जांच में यह भी पाया गया कि विमान में भरे गए ईंधन के नमूने संतोषजनक थे, जिससे ईंधन की गुणवत्ता पर सवाल नहीं उठते। हालांकि, फ्यूल स्विच के अचानक बंद होने का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है। क्या यह मानवीय चूक थी, तकनीकी गड़बड़ी थी, या कोई अन्य कारक था, इसकी गहन जांच जारी है।
रैम एयर टर्बाइन (RAT) का सक्रिय होना
रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि हादसे से पहले विमान का आपातकालीन पावर सिस्टम, रैम एयर टर्बाइन (RAT), सक्रिय हो गया था। यह सिस्टम तब शुरू होता है जब दोनों इंजन फेल हो जाते हैं या इलेक्ट्रिकल सिस्टम में खराबी आती है। इससे यह सवाल उठता है कि क्या टेकऑफ के दौरान इंजनों में कोई गंभीर समस्या थी।
जांच अभी जारी, कार्रवाई पर फैसला बाकी
AAIB ने स्पष्ट किया है कि यह केवल प्रारंभिक रिपोर्ट है और जांच अभी पूरी नहीं हुई है। विमान के ऑपरेटरों या चालक दल के खिलाफ अभी कोई कार्रवाई की सिफारिश नहीं की गई है। एयर इंडिया और बोइंग ने कहा कि वे जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) भी बोइंग 787 बेड़े की सुरक्षा जांच कर रहा है।
हादसे का दर्दनाक मंजर
12 जून को दोपहर 1:38 बजे अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरने वाली फ्लाइट AI-171 ने टेकऑफ के 35 सेकंड बाद ही नियंत्रण खो दिया। विमान मेघानी नगर में एक मेडिकल हॉस्टल की इमारत से टकरा गया, जिससे भारी तबाही मच गई। हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी सहित कई प्रमुख हस्तियां मारी गईं। बचाव कार्य में 300 से अधिक दमकलकर्मी, 60 दमकल वाहन और 20 एम्बुलेंस लगाए गए।
एकमात्र जीवित बचे यात्री की कहानी
इस हादसे में एकमात्र जीवित बचे यात्री, भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक रमेश विश्वास कुमार ने बताया कि पायलट यात्रियों को बचाने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता मैं कैसे बचा, सब मेरी आंखों के सामने हुआ।”
आगे क्या?
यह हादसा भारत के एविएशन इतिहास में सबसे भयानक हादसों में से एक है। जांच के अगले चरणों में फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर का और गहन विश्लेषण किया जाएगा। साथ ही, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और अन्य तकनीकी आंकलनों से यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि आखिर फ्यूल स्विच क्यों और कैसे बंद हुए। इस हादसे ने विमानन सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं, जिनके जवाब आने वाले समय में सामने आएंगे।