• 16/10/2025

बड़ी खबर: छत्तीसगढ़ में 170 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, दो दिनों में 258 ने डाले हथियार, अमित शाह ने अबूझमाड़ और उत्तर बस्तर को किया नक्सलमुक्त घोषित

बड़ी खबर: छत्तीसगढ़ में 170 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, दो दिनों में 258 ने डाले हथियार, अमित शाह ने अबूझमाड़ और उत्तर बस्तर को किया नक्सलमुक्त घोषित

छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ गुरुवार 16 अक्टूबर का दिन ऐतिहासिक रहा। नक्सल संगठन के प्रवक्ता सतीश उर्फ टी वासुदेव राव उर्फ रूपेश सहित 170 नक्सलियों ने आज पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। रूपेश सेंट्रल कमेटी मेंबर (सीसीएम) था और माड़ डिवीजन व इंद्रावती एरिया कमेटी में सक्रिय रहा। उस पर 1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। अन्य सरेंडर करने वालों पर 5 लाख से 25 लाख तक का इनाम था। इस सामूहिक सरेंडर में एके-47, इंसास राइफलें, एसएलआर व 303 राइफलें सहित भारी मात्रा में हथियार बरामद हुए।

उसपरी घाट से बीजापुर पुलिस के हवाले

सभी नक्सली हथियारों के साथ इंद्रावती नदी के उसपरी घाट पहुंचे, जहां से उन्हें नाव के जरिए बीजापुर पुलिस के हवाले किया गया। पूरे इलाके में भारी पुलिस बल तैनात रहा। प्रदेश गृह मंत्री विजय शर्मा जगदलपुर पहुंच चुके हैं। कल शुक्रवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के समक्ष सभी नक्सली आधिकारिक रूप से सरेंडर करेंगे। सरेंडर करने वालों में 10 सीनियर नक्सली शामिल हैं, जिनमें रनिता (एसजेडसीएम, माड़ डिवीजनल कमेटी सचिव), भास्कर (डीवीसीएम, पीएल 32), नीला उर्फ नंदे (डीवीसीएम, आईसी व नेलनार एरिया कमेटी सचिव) व दीपक पालो (डीवीसीएम, आईसी व इंद्रावती एरिया कमेटी सचिव) प्रमुख हैं।

अमित शाह का ऐलान: अबूझमाड़ व उत्तर बस्तर नक्सलमुक्त

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर पोस्ट कर अबूझमाड़ व उत्तर बस्तर को नक्सली हिंसा से पूरी तरह मुक्त घोषित किया। उन्होंने लिखा, “छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ व नॉर्थ बस्तर, जो कभी नक्सल आतंक के गढ़ थे, आज नक्सलमुक्त घोषित हो गए हैं। अब साउथ बस्तर में छिटपुट नक्सली बचे हैं, जिन्हें सुरक्षा बल जल्द समाप्त कर देंगे।” शाह ने कहा कि जनवरी 2024 में भाजपा सरकार बनने के बाद से 2100 नक्सलियों ने सरेंडर किया, 1785 गिरफ्तार हुए व 477 न्यूट्रलाइज किए गए। यह 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के संकल्प का प्रतिबिंब है।

दो दिनों में 258 नक्सलियों का सरेंडर

शाह ने बताया कि गुरुवार को छत्तीसगढ़ में 170 नक्सलियों ने सरेंडर किया, जबकि कल 27 ने हथियार डाले। महाराष्ट्र में भी कल 61 नक्सली मुख्यधारा में लौटे। कुल 258 वामपंथी उग्रवादियों ने हिंसा त्यागी। उन्होंने कहा, “नक्सलवाद अंतिम सांसें ले रहा है। जो सरेंडर करना चाहते हैं, उनका स्वागत है, लेकिन हथियार उठाने वालों को सुरक्षा बलों की कठोर कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।” शाह ने सभी नक्सलियों से अपील की कि हथियार डालकर संविधान पर विश्वास बहाल करें व मुख्यधारा में लौटें।

कांकेर में 50 से अधिक का सरेंडर, भूपति का भी आत्मसमर्पण

15 अक्टूबर को उत्तर बस्तर के कांकेर जिले में 50 से अधिक नक्सलियों ने सरेंडर किया। इनमें टॉप लीडर राजू सलाम, कमांडर प्रसाद व मीना शामिल थे। जंगलों से निकलकर वे कामतेड़ा बीएसएफ कैंप पहुंचे, जहां हथियार डाले। बसों से लाए गए सभी नक्सलियों की पहचान की जा रही है। जल्द उन्हें जिला या संभागीय मुख्यालय में मीडिया के समक्ष पेश किया जाएगा। इससे एक दिन पहले महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में पोलित ब्यूरो सदस्य मोजुल्ला वेणुगोपाल राव उर्फ भूपति ने 60 साथियों समेत सरेंडर किया। भूपति पर छत्तीसगढ़ में 1-1.5 करोड़ व कुल 6 करोड़ से अधिक का इनाम था। वह 1980 के दशक से माओवादी संगठन से जुड़ा था व कई राज्यों में मोस्ट वांटेड था।

नक्सल प्रभावित जिले घटकर 11, तीन सबसे ज्यादा प्रभावित

केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार, नक्सली प्रभावित जिलों की संख्या 18 से घटकर 11 रह गई है। सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों की संख्या 6 से घटकर 3 हो गई—बीजापुर, सुकमा व नारायणपुर। मंत्रालय ने एक्स पर कहा कि नक्सलियों के छिपने की कोई जगह नहीं बची। 31 मार्च 2026 तक भारत नक्सलमुक्त हो जाएगा।

20 महीनों में 1876 सरेंडर, आईजी का बयान

बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने कहा, “पिछले 20 महीनों में 1876 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। वे पुनर्वास नीति का लाभ लेकर मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं। हमें विश्वास है कि और भी माओवादी इस रास्ते को अपनाएंगे।” शाह ने अगस्त व दिसंबर 2024 में रायपुर व जगदलपुर दौरे के दौरान नक्सलियों को चेतावनी दी थी कि हथियार डालें, वरना जवानों का सामना करेंगे। उनकी डेडलाइन के बाद ऑपरेशन तेज हुए, जिसमें महासचिव समेत कई बड़े कैडर मारे गए।