- 06/05/2025
कोरोना काल में पैरोल पर छोड़े गए 70 कैदी अब तक फरार, हाईकोर्ट की फटकार के बाद जेल डीजी ने दी जानकारी


छत्तीसगढ़ में कोरोना महामारी के दौरान जेलों में संक्रमण रोकने के लिए पैरोल पर रिहा किए गए कैदियों में से 70 अब तक वापस नहीं लौटे हैं। हाईकोर्ट की सख्ती के बाद जेल महानिदेशक (डीजी) ने शपथपत्र दाखिल कर यह जानकारी दी। जेल प्रशासन ने फरार कैदियों के खिलाफ संबंधित थानों में मामले दर्ज कराए हैं, और उनकी तलाश जारी है।
10 गिरफ्तार, 3 की मौत
हाईकोर्ट ने पैरोल पर छोड़े गए कैदियों के बारे में जेल डीजी से जवाब मांगा था। डीजी के शपथपत्र के अनुसार, प्रदेश की पांच सेंट्रल जेलों (रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, जगदलपुर, अंबिकापुर) से 83 कैदी पैरोल पर रिहा होने के बाद नहीं लौटे। इनमें से 10 को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि 3 की मृत्यु हो चुकी है। शेष 70 कैदी अभी भी फरार हैं, जिनमें एक कैदी दिसंबर 2002 से गायब है। अधिकांश फरार कैदी हत्या के मामलों में सजा काट रहे थे।
जेल प्रशासन की कार्रवाई
जेल प्रबंधन ने फरार कैदियों की तलाश के लिए पुलिस के साथ मिलकर प्रयास किए, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली। बिलासपुर सेंट्रल जेल से 22 कैदी नहीं लौटे। परिजनों को बार-बार सूचना देने के बावजूद कोई जवाब न मिलने पर जेल प्रशासन ने इनके खिलाफ थानों में केस दर्ज कराए। रायपुर जेल के वारंट अधिकारी ने सूचना के अधिकार के तहत बताया कि 7 कैदी पैरोल के बाद वापस नहीं आए।
कोरोना काल में दी गई थी राहत
कोरोना महामारी के दौरान जेलों में संक्रमण रोकने के लिए अच्छे आचरण वाले कैदियों को पैरोल पर रिहा किया गया था। बढ़ते संक्रमण के कारण पैरोल की अवधि कई बार बढ़ाई गई। नहीं लौटने वाले अधिकांश कैदी इसी श्रेणी के हैं। इसके अलावा, कुछ कैदियों को अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया था, जिनमें से कई ने कोर्ट से स्थायी जमानत हासिल कर ली। ऐसे कैदियों की सटीक संख्या जेल प्रशासन के पास उपलब्ध नहीं है।
छत्तीसगढ़ में पांच सेंट्रल जेलों के अलावा 12 जिला और 16 उपजेल हैं। इन सभी जेलों में कैदियों को पैरोल या अंतरिम जमानत पर राहत दी गई थी। हालांकि, अंतरिम जमानत पर रिहा कैदियों की वापसी की पुख्ता जानकारी नहीं है।