- 01/08/2022
सरकारी एंबुलेंस में सागौन की तस्करी, डिप्टी डायरेक्टर पकड़ाए लेकिन बगैर कार्रवाई छूटे
बस्तर संभाग में खनिज संसाधनों के साथ ही कीमती सागौन की तस्करी भी जोरों पर है। तस्करी के लिए तस्कर तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। ऐसे में सरकारी अफसर भी अब तस्करी जैसे कार्यों में पीछे नहीं हैं। छत्तीसगढ़ में सरकारी एंबुलेंस में सागौन की तस्करी करते हुए वन विभाग ने पशु चिकित्सा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर को पकड़ा। डिप्टी डायरेक्टर साहब फिल्म पुष्पा की तर्ज पर खुद ही एंबुलेंस चलाते हुए सागौन की तस्करी कर रहे थे। मामले में वन विभाग ने एंबुलेंस और लकड़ी को जब्त कर लिया है लेकिन डिप्टी डायरेक्टर को बगैर कार्रवाई किए रिहा कर दिया।
मामला छत्तीसगढ़ के बीजापुर स्थित भोपाल पट्टनम इलाके का है। यहां वन विभाग के अधिकारियों को मुखबीर से सूचना मिली कि एंबुलेंस के जरिए सागौन की तस्करी की जा रही है। मुखबीर की सूचना पर वन विभाग की टीम ने गहन चेकिंग शुरु कर दी। बताया जा रहा है कि भोपालपट्टनम चेकपोस्ट पर चेकिंग के दौरान एक तेज रफ्तार एंबुलेंस आती दिखी। एंबुलेंस ड्राइवर ने वन विभाग के कर्मियों को अपना परिचय पशु चिकित्सा विभाग के डायरेक्टर लल्लन सिंह के रुप में दिया। चेकिंग से बचने के लिए आरोपी डिप्टी डायरेक्टर ने वन विभाग के कर्मियों को इमरजेंसी सेवा में जाने की बात कही। लेकिन उनकी एक भी दाल नहीं गली।
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वन कर्मियों ने एंबुलेंस की जांच की तो उसके अंदर सागौन की 4 नग लकड़ियां रखी हुई थी। वन कर्मियों ने डिप्टी डायरेक्टर लल्लन सिंह से पूछताछ की तो वो इसका जवाब नहीं दे पाए। बड़े अधिकारी को तस्करी करते हुए पकड़ने की सूचना वन कर्मियों ने अधिकारियों को दी। जिसके बाद वन कर्मियों ने सागौन की लकड़ी सहित एंबुलेंस को जब्त कर लिया है।
वहीं तस्करी कर रहे डिप्टी डायरेक्टर लल्लन सिंह के खिलाफ बगैर कोई कार्रवाई किए उन्हें रिहा कर दिया गया। जिसके बाद वन विभाग की पूरी कार्रवाई सवालों के घेरे में आ गई है। इस मामले में वन विभाग के अधिकारियों से हमने बात करने की कोशिश की लेकिन वे फोन नहीं उठा रहे।
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