• 21/04/2025

शेयर मार्केट के लिए बुरी खबर! ट्रेड वार और मंदी से गिरेगा बाजार, अंतर्राष्ट्रीय ब्रोकरेज फर्म ने जारी की रिपोर्ट

शेयर मार्केट के लिए बुरी खबर! ट्रेड वार और मंदी से गिरेगा बाजार, अंतर्राष्ट्रीय ब्रोकरेज फर्म ने जारी की रिपोर्ट

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भारतीय शेयर बाजार में फिलहाल स्थिरता दिख रही है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय ब्रोकरेज फर्म Nomura ने भविष्य को लेकर सतर्क रुख अपनाया है। नोमुरा ने मार्च 2026 तक निफ्टी के लक्ष्य को घटाकर 24,970 कर दिया है, जो मौजूदा स्तरों से केवल 3% की मामूली बढ़त दर्शाता है। यह संशोधन अमेरिकी टैरिफ नीतियों, कमाई में कमी के जोखिम और वैश्विक मंदी की आशंकाओं के चलते किया गया है।

Nomura की चिंताएं और आकलन

नोमुरा के अनुसार, अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प की टैरिफ नीतियां, कॉरपोरेट कमाई में संभावित गिरावट और वैश्विक आर्थिक सुस्ती भारतीय बाजार के लिए चुनौती पेश कर रही हैं। हालांकि, अगर जोखिम का माहौल स्थिर रहता है, तो विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) भारत में पूंजी निवेश के लिए प्रोत्साहित हो सकते हैं। पिछले छह महीनों में FII ने भारी बिकवाली की है, लेकिन नोमुरा को उम्मीद है कि स्थिर माहौल में उनकी वापसी हो सकती है।

Nomura ने अपने विश्लेषण में निफ्टी के वैल्यूएशन मल्टीपल को 18.5x से बढ़ाकर 19.5x कर दिया है, ताकि बॉन्ड यील्ड में हालिया गिरावट को ध्यान में रखा जा सके। यह लक्ष्य FY27 के लिए निफ्टी EPS (प्रति शेयर आय) ₹1,280 पर आधारित है, जिसमें मौजूदा आम सहमति अनुमानों में 5% की कटौती शामिल है। ब्रोकरेज का अनुमान है कि निफ्टी अगले एक साल में 17-20x के वैल्यूएशन रेंज में कारोबार करेगा, जिसका मतलब है कि बाजार में -9% से +7% तक रिटर्न की संभावना है।

सेक्टर प्रदर्शन और रणनीति

नोमुरा ने घरेलू क्षेत्रों, विशेष रूप से उपभोक्ता (कंज्यूमर) और वित्तीय (फाइनेंशियल्स) सेक्टरों पर सकारात्मक रुख अपनाया है, जिन्होंने हाल के महीनों में बेहतर प्रदर्शन किया है। इसके विपरीत, निर्यात-केंद्रित सेक्टर जैसे सूचना प्रौद्योगिकी (IT), धातु (मेटल्स), ऑटोमोबाइल (ऑटो) और फार्मास्यूटिकल्स (फार्मा) कमजोर रहे हैं। नोमुरा ने निवेशकों को सलाह दी है कि वे ऊंचे वैल्यूएशन वाली कंपनियों से बचें और बॉटम-अप दृष्टिकोण अपनाएं।

उनके शीर्ष लार्ज-कैप स्टॉक विकल्पों में एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बजाज फाइनेंस, गॉडरेज कंज्यूमर, महिंद्रा एंड महिंद्रा, लार्सन एंड टुब्रो, सीजी पावर, रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा पावर और मैक्रोटेक डेवलपर्स (लोढ़ा) शामिल हैं। मिड और स्मॉल-कैप में फेडरल बैंक, मारिको, डिक्सन टेक्नोलॉजीज, यूएनओ मिंडा, गोदावरी पावर, ल्यूपिन, मेडप्लस और डॉ. लाल पैथलैब्स उनकी पसंद हैं।

टैरिफ और व्यापार समझौते की संभावनाएं

Nomura का मानना है कि भारत को अमेरिका के साथ संभावित व्यापार समझौते और वैश्विक सप्लाई चेन रिलोकेशन से फायदा हो सकता है। गिरते कमोडिटी और कच्चे तेल के दाम भी भारत की अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक हैं। हालांकि, अमेरिका के साथ व्यापारिक समझौते जटिल हो सकते हैं, क्योंकि अमेरिका न केवल टैरिफ बल्कि गैर-टैरिफ बाधाओं जैसे संरचनात्मक मुद्दों पर भी ध्यान दे रहा है। नोमुरा ने चेतावनी दी है कि टैरिफ कम होने पर भी ऊंचे स्तर पर रह सकते हैं, जिससे बाजार में अनिश्चितता बनी रहेगी।

GDP और कमाई पर दबाव

नोमुरा की आर्थिक टीम ने FY26 के लिए भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि 5.8% रहने का अनुमान लगाया है, जो स्ट्रीट के अनुमान 6.5% से कम है। इसका असर कॉरपोरेट कमाई पर पड़ सकता है, क्योंकि मौजूदा कमाई अनुमानों में और कटौती का जोखिम है। नोमुरा का अनुमान है कि कमाई की वृद्धि निकट भविष्य में नाममात्र जीडीपी वृद्धि के अनुरूप रहेगी, खासकर जब कमाई-से-जीडीपी अनुपात पहले ही उच्च स्तर पर है।

बॉन्ड यील्ड और रिस्क प्रीमियम

नोमुरा ने कहा कि निकट भविष्य में इक्विटी वैल्यूएशन को बॉन्ड यील्ड में गिरावट से कुछ समर्थन मिल सकता है, बशर्ते रिस्क प्रीमियम में कोई बड़ा उछाल न आए। उनका मानना है कि वैश्विक इक्विटी मार्केट में अब तक का करेक्शन सीमित रहा है, और टैरिफ व ट्रेड वॉर से जुड़ी बड़ी सुर्खियां शायद पीछे छूट चुकी हैं। फिर भी, फार्मा जैसे सेक्टरों में अल्पकालिक टैरिफ जोखिम बने रह सकते हैं, हालांकि नोमुरा का मानना है कि करेक्शन खरीदारी का अवसर दे सकता है।

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। thetathya.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।)