• 14/07/2025

यौन उत्पीड़न कैस: छात्रा ने कॉलेज में किया आत्मदाह, प्रिंसिपल गिरफ्तार.. जानें पूरा मामला

यौन उत्पीड़न कैस: छात्रा ने कॉलेज में किया आत्मदाह, प्रिंसिपल गिरफ्तार.. जानें पूरा मामला

ओडिशा के बालासोर जिले में फकीर मोहन स्वायत्त महाविद्यालय की एक 22 वर्षीय बी.एड. छात्रा द्वारा कॉलेज परिसर में आत्मदाह के प्रयास के बाद कॉलेज के प्रिंसिपल दिलीप घोष को गिरफ्तार कर लिया गया है। छात्रा ने कॉलेज के शिक्षा विभाग के प्रमुख (एचओडी) प्रोफेसर समीर कुमार साहू पर यौन उत्पीड़न और मानसिक प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए थे। इस मामले में कॉलेज प्रशासन और पुलिस की कथित निष्क्रियता के कारण छात्रा ने 11 जुलाई को कॉलेज के मुख्य द्वार पर मिट्टी का तेल छिड़ककर खुद को आग लगा ली। वह वर्तमान में भुवनेश्वर के एम्स अस्पताल में भर्ती है, जहां उसका 95 प्रतिशत शरीर जल चुका है और वह जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही है।

यौन उत्पीड़न की शिकायत पर कार्रवाई में देरी

छात्रा ने 1 जुलाई को कॉलेज की आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) को एक लिखित शिकायत सौंपी थी, जिसमें उसने प्रोफेसर समीर साहू पर कई महीनों से यौन उत्पीड़न और धमकियों का आरोप लगाया था। उसने एक विस्तृत पत्र भी लिखा, जिसे उसने सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसमें मुख्यमंत्री, उच्च शिक्षा मंत्री, और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को टैग किया गया था। छात्रा ने 2 जुलाई से कॉलेज परिसर में धरना शुरू किया था, लेकिन कॉलेज प्रशासन ने सात दिन में कार्रवाई का वादा करने के बावजूद 12 दिनों तक कोई कदम नहीं उठाया।

आत्मदाह का दिल दहलाने वाला कदम

11 जुलाई को, निराश और मानसिक दबाव में आई छात्रा ने कॉलेज के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन के दौरान खुद को आग लगा ली। इस घटना में वह 90-95 प्रतिशत तक जल गई और उसे तुरंत बालासोर के जिला मुख्यालय अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे एम्स भुवनेश्वर रेफर किया गया। एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. आशुतोष बिस्वास ने बताया कि छात्रा की हालत अत्यंत गंभीर है, और अगले 48 घंटे महत्वपूर्ण हैं। उसके गुर्दे और फेफड़े प्रभावित हुए हैं, और वह आईसीयू में वेंटिलेटर पर है। इस घटना में उसे बचाने की कोशिश करने वाला एक अन्य छात्र, ज्योतिप्रकाश बिस्वाल, भी 70 प्रतिशत तक झुलस गया और उसका इलाज जारी है।

परिवार पर दबाव के आरोप

छात्रा के पिता, बालाराम बिसी, ने आरोप लगाया कि कॉलेज प्रशासन ने उनकी बेटी और परिवार पर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया था। उन्होंने कहा, “मुझे धमकी दी गई कि यदि मैंने शिकायत वापस नहीं ली, तो मेरे खिलाफ मामला दर्ज होगा और मुझे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। मेरी बेटी को मानसिक रूप से तोड़ दिया गया।” उन्होंने बताया कि प्रिंसिपल ने उनकी बेटी को सूचित किया था कि आईसीसी को प्रोफेसर साहू के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला, जिससे उसकी मानसिक स्थिति और बिगड़ गई।

प्रिंसिपल और प्रोफेसर पर कार्रवाई

घटना के बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए, बालासोर पुलिस ने प्रोफेसर समीर साहू को गिरफ्तार कर लिया और उसे अदालत में पेश किया। ओडिशा उच्च शिक्षा विभाग ने प्रिंसिपल दिलीप घोष और प्रोफेसर साहू को निलंबित कर दिया। प्रिंसिपल पर शिकायतों की अनदेखी और लापरवाही का आरोप है। बालासोर के पुलिस अधीक्षक राज प्रसाद ने कहा, “प्रथम दृष्टया सबूतों के आधार पर शिक्षक को गिरफ्तार किया गया है। हम आईसीसी की रिपोर्ट की जांच कर रहे हैं, और दोषियों को सजा दी जाएगी।”

इस घटना ने ओडिशा में व्यापक आक्रोश पैदा किया है। बीजू जनता दल (बीजद) और कांग्रेस ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, जो इन दिनों ओडिशा के दौरे पर हैं, को पत्र लिखकर मुलाकात का समय मांगा है। दोनों दलों ने मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज के इस्तीफे की मांग की है। भुवनेश्वर में बीजद और कांग्रेस की छात्र और युवा शाखाओं ने विरोध प्रदर्शन किए, जिसमें तत्काल न्याय की मांग की गई। ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा, “यह घटना दर्शाती है कि बार-बार शिकायत के बावजूद छात्रा को न्याय नहीं मिला। मैं राज्यपाल से हस्तक्षेप की अपील करता हूं।”

मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने एम्स भुवनेश्वर का दौरा कर पीड़िता के परिवार से मुलाकात की और उनके इलाज का पूरा खर्च उठाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, “जरूरत पड़ने पर छात्रा को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली एयरलिफ्ट किया जाएगा।” उच्च शिक्षा विभाग ने मामले की जांच के लिए एक उच्च-स्तरीय समिति गठित की है, जिसमें एक संयुक्त सचिव स्तर की महिला अधिकारी और एक अन्य कॉलेज की वरिष्ठ महिला प्रिंसिपल शामिल हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी ओडिशा पुलिस को सख्त कार्रवाई और पीड़िता को मुफ्त चीकित्सा व मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है।

सांसद ने भी की थी शिकायत

फकीर मोहन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर संतोष त्रिपाठी ने कहा, “यदि कॉलेज प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की होती, तो यह घटना टाली जा सकती थी।” बालासोर से बीजेपी सांसद प्रताप चरण सारंगी ने कॉलेज प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया और कहा कि उन्होंने छात्रा की शिकायत के बाद प्रिंसिपल से बात की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।