• 26/07/2025

‘मुझे जूते से पीटा…’, CM सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के करीबी अफसरों के बीच कर्नाटक भवन में मारपीट, झगड़ा खत्म कराने में नाकाम कांग्रेस

‘मुझे जूते से पीटा…’, CM सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के करीबी अफसरों के बीच कर्नाटक भवन में मारपीट, झगड़ा खत्म कराने में नाकाम कांग्रेस

कर्नाटक में कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच चल रही सियासी खींचतान अब उनके करीबी अफसरों तक पहुंच गई है। नई दिल्ली स्थित कर्नाटक भवन में दोनों नेताओं के विशेष अधिकारियों (एसडीओ) के बीच हुई झड़प ने इस तनाव को खुलकर सामने ला दिया है। डीके शिवकुमार के विशेष अधिकारी एच. अंजनेया ने सिद्धारमैया के विशेष अधिकारी और असिस्टेंट रेजिडेंट कमिश्नर सी. मोहन कुमार पर जूते से मारने का गंभीर आरोप लगाया है। इस घटना ने कर्नाटक कांग्रेस में चल रही गुटबाजी को और उजागर कर दिया है।

क्या है पूरा मामला?

घटना 22 जुलाई 2025 को कर्नाटक भवन में हुई, जब अंजनेया और मोहन कुमार के बीच तीखी नोकझोंक हिंसक झड़प में बदल गई। अंजनेया ने रेजिडेंट कमिश्नर इमकोंगला जमीर और कर्नाटक की मुख्य सचिव शालिनी राजनीश को लिखित शिकायत में कहा, “मुझे जूते से पीटा गया, जिससे मेरे आत्मसम्मान को ठेस पहुंची है। सी. मोहन कुमार के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाया जाए और मुझे न्याय दिया जाए।” अंजनेया ने यह भी आरोप लगाया कि मोहन कुमार लगातार उनके काम में बाधा डाल रहे हैं और उनकी सुरक्षा को खतरा है। उन्होंने कहा, “अगर मेरे साथ कोई दुर्घटना होती है, तो इसके लिए मोहन कुमार जिम्मेदार होंगे।”

अंजनेया ने अपनी शिकायत में मोहन कुमार के पिछले आचरण का भी जिक्र किया। उन्होंने दावा किया कि मोहन कुमार ने पहले भी एक अन्य अधिकारी, एमएम जोशी, के साथ मारपीट की थी और सीनियर अधिकारियों के प्रति हमेशा अहंकारी रवैया अपनाया है। इसके अलावा, अंजनेया ने यह भी बताया कि उन्होंने पहले ही कर्नाटक भवन से स्थानांतरण की मांग की थी ताकि इस तरह के टकराव से बचा जा सके।

दूसरी ओर, सी. मोहन कुमार ने इन आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने समाचार एजेंसी ANI को बताया कि अंजनेया ने कर्नाटक भवन में महिला कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार किया था, जिसके बाद उनकी शिकायत पर मोहन ने अंजनेया से स्पष्टीकरण मांगा था। मोहन ने दावा किया कि उन्होंने जूते से मारने की धमकी नहीं दी, बल्कि अंजनेया का व्यवहार ही आपत्तिजनक था। उन्होंने कहा कि महिला कर्मचारियों ने अंजनेया के व्यवहार को लेकर महिला आयोग में भी शिकायत दर्ज की है।

रेजिडेंट कमिश्नर इमकोंगला जमीर ने पुष्टि की कि 22 जुलाई को शिकायत प्राप्त हुई है और इस मामले में उचित प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। मुख्य सचिव शालिनी राजनीश ने भी इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए रेजिडेंट कमिश्नर से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। दिल्ली पुलिस ने बताया कि उन्हें इस घटना के संबंध में अभी तक कोई औपचारिक शिकायत या पीसीआर कॉल नहीं मिली है, लेकिन अगर शिकायत दर्ज होती है तो उचित कार्रवाई की जाएगी।

सियासी तनाव और नेतृत्व की जंग

यह घटना कर्नाटक कांग्रेस में सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच चल रही नेतृत्व की जंग को और उजागर करती है। मई 2023 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही मुख्यमंत्री पद के लिए दोनों नेताओं के बीच तनाव रहा है। सिद्धारमैया को हाईकमान ने मुख्यमंत्री बनाया, लेकिन डीके शिवकुमार के समर्थक ‘रोटेशनल सीएम फॉर्मूले’ के तहत उन्हें ढाई साल बाद मुख्यमंत्री बनाने की मांग करते रहे हैं। हालांकि, कांग्रेस हाईकमान ने इस फॉर्मूले को कभी स्वीकार नहीं किया। सिद्धारमैया ने हाल ही में दिल्ली में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को खारिज करते हुए कहा, “मैं कर्नाटक का मुख्यमंत्री हूं, कोई वैकेंसी नहीं है।”

वहीं, डीके शिवकुमार ने भी इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन उनकी टिप्पणी, “आप लोगों की भी महत्वाकांक्षाएं हैं,” ने सियासी हलकों में चर्चा को और हवा दी। कर्नाटक बीजेपी ने इस घटना को कांग्रेस सरकार में गहरे अंतर्विरोध का सबूत बताते हुए तीखा हमला बोला। विपक्ष के नेता आर. अशोक ने कहा, “कांग्रेस हाईकमान का कर्नाटक पर कोई नियंत्रण नहीं है। सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच की जंग अब खुलकर सामने आ रही है। यह शासन की अराजकता का प्रतीक है।”