• 16/08/2024

9 सालों के इंतजार के बाद पहला गौ-अभ्यारण बनकर तैयार…सीएम करेंगे शुभारंभ…गौमाता की सेवा और संरक्षण पर जोर

9 सालों के इंतजार के बाद पहला गौ-अभ्यारण बनकर तैयार…सीएम करेंगे शुभारंभ…गौमाता की सेवा और संरक्षण पर जोर

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राष्ट्रीय गोकुल योजना के तहत झालम में प्रदेश का पहला गौ अभ्यारण्य बनकर तैयार हो गया है। सीएम विष्णु देव साय इस गौ अभयारण्य की शुभारंभ करेंगे। इसे प्रदेश का पहला गौ अभयारण्य होने का तमगा मिला है। करीब 9 सालों के बाद ये अभयारण्य अब बनकर तैयार हो चुका है। 6 करोड़ 57 लाख की लागत से 72 एकड़ में गायों के पुनर्वास के लिए ये योजना शुरु हुई है।

 

अभयारण्य को तैयार करने में 6 करोड़ 57 लाख की लागत आई है। झालम में बना ये गौ अभयारण्य कई मायनों में अनोखा है। एक तो बीजेपी की इसे महत्वाकांक्षी योजनाओं में गिना जाता रहा है। सीएम के हाथों अब इस लोकार्पण होना है। वर्तमान में झालम गौ अभयारण्य में जो शेड बने हैं उनमें 180 मवेशियों को रखने की झमता है। मवेशियों की देखभाल के लिए कर्चमारी भी रखे गए हैं।

 

मवेशियों की सेहत का ध्यान रखने के लिए जानवरों के तीन डॉक्टरों की भी नियुक्ति की गई है। मवेशियों की देखभाल के लिए 8 मनरेगा मजदूरों को यहां रखा गया है। जो नए शेड बनाए गए हैं। उन शेडों में 200 दूध देने वाली गायों को रखा जा सकेगा।इसके साथ ही 144 सामान्य मवेशी और 344 अन्य मवेशियों को रखने की भी झमता यहां मौजूद है।झालम गौ अभयारण्य में रह रहे मवेशियों को भूसा देने की व्यवस्था गो सेवा आयोग कर रहा है। मवेशियों को हरा चारा देने के लिए चारागाह भी बनाया गया है। योजना के तहत अभयारण्य में कौशली गाय के संरक्षण और संवर्धन के लिए काम होगा।