- 11/05/2025
PAK का साथ देने वाले देशों को बड़ा झटका, टूर पैकेज सस्पेंड, बुकिंग पर भी रोक, एक्शन में भारतीय ट्रैवल कंपनियां


भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद तुर्किए, अजरबैजान और चीन द्वारा पाकिस्तान का समर्थन करने पर भारतीय ट्रैवल कंपनियों ने बड़ा कदम उठाया है। प्रमुख ट्रैवल एजेंसियों जैसे ईजमायट्रिप, इक्सिगो, कॉक्स एंड किंग्स, ट्रैवोमिंट, क्लियरट्रिप और अन्य ने तुर्किए, अजरबैजान और चीन के लिए सभी टूर पैकेज और बुकिंग तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दी हैं। यह फैसला इन देशों के भारत विरोधी रुख और पाकिस्तान के समर्थन के जवाब में लिया गया है।
राष्ट्रीय भावनाओं के साथ खड़ा पर्यटन उद्योग
ट्रैवल कंपनियों ने इस कदम को राष्ट्रीय हितों और जनभावनाओं के प्रति अपनी जिम्मेदारी बताया है। ईजमायट्रिप के संस्थापक निशांत पिट्टी ने कहा, “पहलगाम हमले और भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण स्थिति में तुर्किए, अजरबैजान और चीन का पाकिस्तान का समर्थन अस्वीकार्य है। हम यात्रियों से इन देशों की गैर-जरूरी यात्रा से बचने की अपील करते हैं।” उन्होंने बताया कि 2024 में 2.87 लाख भारतीयों ने तुर्किए, 2.43 लाख ने अजरबैजान और 1.8 लाख ने चीन की यात्रा की थी, जो इन देशों की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है।
इक्सिगो के सीईओ अलोक बाजपेयी ने X पर लिखा, “राष्ट्रीय सम्मान सर्वोपरि है। हम तुर्किए, अजरबैजान और चीन के लिए सभी फ्लाइट, होटल और पैकेज बुकिंग रोक रहे हैं।” कॉक्स एंड किंग्स ने भी इन तीनों देशों के लिए नए ऑफर बंद करने की घोषणा की। कंपनी के निदेशक करण अग्रवाल ने कहा, “यह फैसला देश की भावनाओं और सिद्धांतों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”
ट्रैवल कंपनियों का एकजुट रुख
ट्रैवोमिंट ने तुर्किए, अजरबैजान और चीन के लिए सभी ट्रैवल पैकेज सस्पेंड कर दिए। कंपनी के सीईओ अलोक के. सिंह ने कहा, “पाकिस्तान के प्रति इन देशों का समर्थन और भारत विरोधी बयानबाजी हमें मजबूर करती है कि हम यह कदम उठाएं। हम भारतीयों के बहिष्कार के आह्वान का समर्थन करते हैं।” कंपनी ने मौजूदा बुकिंग के लिए कैंसिलेशन फीस माफ करने और आपातकालीन उड़ानों की व्यवस्था की घोषणा की।
क्लियरट्रिप, पिकयोरट्रेल और वांडरऑन ने भी इसी तरह की कार्रवाई की है। वांडरऑन के सीईओ गोविंद गौर ने बताया कि यात्री रिफंड या वैकल्पिक गंतव्यों के लिए रीशेड्यूलिंग की मांग कर रहे हैं। अनुमान है कि इन देशों में भारतीय पर्यटकों की संख्या में 60% तक की कमी आ सकती है।
सोशल मीडिया पर बहिष्कार की लहर
सोशल मीडिया पर #BoycottTurkeyAzerbaijanChina ट्रेंड कर रहा है, जिसमें भारतीयों ने इन देशों की यात्रा के बजाय आर्मेनिया, ग्रीस, थाईलैंड और श्रीलंका जैसे गंतव्यों को चुनने की अपील की है। एक यूजर ने लिखा, “हमारा पैसा वहां नहीं जाएगा, जहां हमारा सम्मान नहीं।” 2024 में तुर्किए में 3.3 लाख, अजरबैजान में 2.4 लाख और चीन में 1.8 लाख भारतीय पर्यटकों ने यात्रा की थी, जो इन देशों के पर्यटन उद्योग के लिए महत्वपूर्ण योगदान है।
तुर्किए और अजरबैजान ने भारत की ‘ऑपरेशन सिंदूर’ कार्रवाई की निंदा की, जिसमें पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। तुर्किए ने इसे “उकसावे वाला” बताया, जबकि अजरबैजान ने नागरिक हताहतों पर चिंता जताई। चीन ने भी भारत की कार्रवाई को “एकतरफा” करार दिया और क्षेत्रीय स्थिरता पर सवाल उठाए। भारतीय सेना ने पुष्टि की कि पाकिस्तान ने तुर्किए निर्मित असिसगार्ड सोंगार ड्रोन और चीनी तकनीक का इस्तेमाल भारत के खिलाफ किया, जिसने तनाव को और बढ़ाया।
पर्यटन उद्योग पर असर
तुर्किए, अजरबैजान और चीन भारतीय पर्यटकों के लिए महत्वपूर्ण गंतव्य रहे हैं। 2024 में तुर्किए ने 20% वृद्धि के साथ 3.3 लाख भारतीय पर्यटकों की मेजबानी की, अजरबैजान में 100% वृद्धि के साथ 2.4 लाख और चीन में 1.8 लाख भारतीय पहुंचे। ट्रैवल एजेंट निमित मिढा ने कहा, “पिछले कुछ दिनों में इन देशों के लिए कैंसिलेशन की बाढ़ आ गई है। अगले छह महीनों में भारतीय पर्यटकों की संख्या में भारी कमी होगी।”
तुर्की एयरलाइंस और चाइना साउदर्न एयरलाइंस के साथ साझेदारी खत्म
कई कंपनियों ने सख्त कदम उठाए हैं। गोवा विलास ने तुर्की एयरलाइंस और चाइना साउदर्न एयरलाइंस के साथ साझेदारी खत्म कर दी और इन देशों के नागरिकों को आवास सेवाएं देने से इनकार किया। ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (TAAI) ने इन देशों के लिए पैकेज बेचने पर रोक लगा दी और सरकार से सख्त ट्रैवल एडवाइजरी की मांग की।