• 27/04/2025

“पाकिस्तान पेट से है, कभी भी हो सकता है बलूचिस्तान”: विकास दिव्यकीर्ति ने बताया भारत का प्लान

“पाकिस्तान पेट से है, कभी भी हो सकता है बलूचिस्तान”: विकास दिव्यकीर्ति ने बताया भारत का प्लान

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। इस हमले ने दोनों देशों के रिश्तों को और तल्ख कर दिया है, और भारत में लोग सरकार व सेना की जवाबी कार्रवाई का इंतजार कर रहे हैं। इस बीच, चर्चित शिक्षक और विचारक डॉ. विकास दिव्यकीर्ति का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वे यूपीएससी छात्रों को भारत-पाकिस्तान संबंधों और पाकिस्तान की अंदरूनी कमजोरियों के बारे में बता रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान की मौजूदा स्थिति इतनी अस्थिर है कि वह “पेट से है” और “कभी भी बलूचिस्तान हो सकता है।”

पाकिस्तान की अंदरूनी अस्थिरता और आतंकी साजिश

डॉ. दिव्यकीर्ति ने अपने वीडियो में कहा कि पाकिस्तान इस समय भयंकर आर्थिक और राजनीतिक संकट से जूझ रहा है। वहां महंगाई आसमान छू रही है, और गृह युद्ध जैसे हालात बन रहे हैं। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान की सेना अपनी जनता का ध्यान आंतरिक समस्याओं से हटाने के लिए कश्मीर में आतंकी हमले करवा सकती है।” उन्होंने बलूचिस्तान, सिंध और खैबर-पख्तूनख्वा में चल रहे अलगाववादी आंदोलनों का जिक्र करते हुए कहा कि अगर यही स्थिति रही तो पाकिस्तान कई हिस्सों में बंट सकता है। खासकर बलूचिस्तान, जो पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है, वहां स्वतंत्रता की मांग लंबे समय से जोर पकड़ रही है।

उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान की बदनामी वैश्विक स्तर पर हो रही है, जैसे ट्रेन हाईजैक जैसी घटनाओं से। इन सबके बीच, पाकिस्तानी सेना और नेतृत्व अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं।

कश्मीरी मुसलमानों का हाथ नहीं

डॉ. दिव्यकीर्ति ने पहलगाम हमले में जम्मू-कश्मीर के मुसलमानों की किसी भी भूमिका को खारिज करते हुए कहा, “कश्मीरी लोग अपने पैरों पर कुल्हाड़ी क्यों मारेंगे? आतंकी हमले कश्मीर के पर्यटन को नुकसान पहुंचाते हैं, जो वहां की अर्थव्यवस्था का आधार है।” उन्होंने बताया कि कश्मीर में पर्यटकों की संख्या 20-22 लाख से बढ़कर 2-2.5 करोड़ हो गई है, और आतंकी घटनाएं स्थानीय लोगों की आजीविका को सीधे प्रभावित करती हैं।

भारत का प्लान क्या?

डॉ. दिव्यकीर्ति ने भारत के सख्त रुख की सराहना की और कहा कि भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को रद्द करने और पाकिस्तानी नागरिकों व अधिकारियों को देश छोड़ने का आदेश देकर स्पष्ट संदेश दिया है। उन्होंने संकेत दिया कि भारत अब पाकिस्तान की हरकतों का जवाब कूटनीतिक और रणनीतिक तरीके से दे रहा है। उन्होंने कहा, “भारत जानता है कि पाकिस्तान की अंदरूनी कमजोरियां ही उसका सबसे बड़ा हथियार हैं। बलूचिस्तान और अन्य प्रांतों में अशांति पाकिस्तान को और कमजोर कर सकती है।”

पाकिस्तान का भविष्य अनिश्चित

डॉ. दिव्यकीर्ति ने चेतावनी दी कि पाकिस्तान की आर्थिक बदहाली, महंगाई और अलगाववादी आंदोलनों के कारण वहां के आम नागरिक भी परेशान हैं। उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा, “पाकिस्तान पेट से है, और बलूचिस्तान की डिलीवरी कभी भी हो सकती है, शायद प्रीमैच्योर भी।” उनका इशारा था कि पाकिस्तान की एकजुटता खतरे में है, और भारत को इस स्थिति का फायदा उठाने के लिए धैर्य के साथ रणनीति बनानी होगी।

यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में है, और लोग डॉ. दिव्यकीर्ति के विश्लेषण को भारत की रणनीति और पाकिस्तान की कमजोरियों को समझने का एक नया नजरिया मान रहे हैं।