• 18/11/2022

सावरकर के बचाव में उतरी BJP का महात्मा गांधी पर बड़ा अटैक, राष्ट्रपिता की कथित दो चिट्ठियां लाई सामने, गांधी को बताया…

सावरकर के बचाव में उतरी BJP का महात्मा गांधी पर बड़ा अटैक, राष्ट्रपिता की कथित दो चिट्ठियां लाई सामने, गांधी को बताया…

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वीडी सावरकर पर दिए गए राहुल गांधी के बयान को लेकर देश की सियासत एक बार फिर से गरमा गई है। सावरकर को अंग्रेजों को सर्वेंट बताने के राहुल गांधी के बयान पर बीजेपी की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। सावरकर के बचाव में उतरी बीजेपी ने महात्मा गांधी पर सीधा हमला बोला है। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेन्द्र फडणवीस ने सोशल मीडिया पर दो चिट्ठियां पोस्ट की है। जिसमें दावा किया है कि ये चिट्ठियां महात्मा गांधी ने अंग्रेज अफसरों लॉर्ड चेम्सफोर्ड और ड्यूक ऑफ कनॉट को भेजी थीं। जिसमें एक चिट्ठी की अंतिम लान में लिखा है, ‘योर एक्सिलेंस ओबीडिएंट सर्वेंट एमके गांधी’। वहीं दूसरी चिट्‌ठी के अंत में लिखा है, ‘योर रॉयल हाइनेस फेथफुल सर्वेंट एमके गांधी’।

फडणवीस ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा है, “आपने मुझे एक पत्र की अंतिम पंक्तियां पढ़ने के लिए कहा था। चलो अब मैं कुछ दस्तावेज आपको पढ़ने के लिए देता हूं। हम सब के आदरणीय महात्मा गांधी जी का यह पत्र आपने पढ़ा? क्या वैसी ही अंतिम पंक्तियां इसमें मौजूद हैं, जो आप मुझे पढ़वाना चाहते थे?”

आपको बता दें राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा पर हैं। जहां गुरुवार को उन्होंने एक बार फिर सावरकर पर जमकर निशाना साथा। अकोला में उन्होंने मीडिया को एक चिट्ठी दिखाई थी और कहा था कि ये चिट्ठियां सावरकर ने अंग्रेजों को लिखी थी। जिसमें उन्होंने अंग्रेजों का नौकर बने रहने की बात कही। साथ ही डरकर माफी भी मांगी थी। गांधी-नेहरू ने कभी ऐसा नहीं किया। इसलिए वे सालों तक जेल में रहे।

राहुल ने कहा, “ये देखिए मेरे लिए सबसे जरूरी डॉक्यूमेंट। ये सावरकर जी की चिट्ठी है। इसमें उन्होंने अंग्रेजों को लिखा है। मैं आपका सबसे ज्यादा ईमानदार नौकर बने रहना चाहता हूं। ये मैंने नहीं सावरकर जी ने लिखा है। फडणवीस जी देखना चाहते हैं तो देख लें। सावरकर जी ने अंग्रेजों की मदद की। सावरकर जी ने ये चिट्ठी साइन की। गांधी, नेहरू और पटेल सालों जेल में रहे और कोई चिट्ठी नहीं साइन की। सावरकर जी ने इस कागज पर साइन किया, उसका कारण डर था। अगर डरते नहीं तो कभी साइन नहीं करते। सावरकर जी ने जब साइन किया तो हिंदुस्तान के गांधी, पटेल को धोखा दिया था। उन लोगों से भी कहा कि गांधी और पटेल भी साइन कर दें।”