- 15/07/2022
संसद में धरना सहित कई कार्यों पर रोक, जुमलाजीवी, भ्रष्ट, तानाशाह सहित ये शब्द माने जाएंगे असंसदीय भाषा
द तथ्य डेस्क । देश में अब संसद भवन का उपयोग धरना-प्रदर्शन, हड़ताल, अनशन या धार्मिक समारोहों के लिये नहीं किया जा सकता। राज्यसभा सचिवालय ने अपने बुलेटिन में यह स्पष्ट कर दिया है। इसके ठीक पहले कल ही लोकसभा सचिवालय ने संसद में कहए जाने वाले कुछ शब्दों का संकलन जारी कर इसे प्रतिबंधित किया था। इसे लेकर विपक्ष सरकार को जमकर कोस रही है।
मानसून सत्र के ठीक पहले राज्यसभा के महासचिव पी सी मोदी ने एक बुलेटिन में इस संबंध में सदस्यों से सहयोग करने का अनुरोध करते हुए कहा है सदस्य संसद भवन परिसर का इस्तेमाल धरना, प्रदर्शन, हड़ताल, अनशन या धार्मिक समारोहों के लिए नहीं कर सकते। इस पर कांग्रेस महासचिव एवं राज्यसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक जयराम रमेश ने सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया है-विषगुरू का ताजा प्रहार…धरना मना है। उन्होंने इसके साथ 14 जुलाई का बुलेटिन भी साझा किया। एक दिन पहले ही, संसद में बहस आदि के दौरान सदस्यों द्वारा बोले जाने वाले कुछ शब्दों को असंसदीय शब्दों की श्रेणी में रखे जाने के मुद्दे पर विपक्षी दलों ने सरकार को घेरते हुए कहा था कि सरकार की सच्चाई दिखाने के लिए विपक्ष द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सभी शब्द अब असंसदीय माने जाएंगे।
वहीं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्पष्ट किया था कि संसदीय कार्यवाही के दौरान किसी शब्द के प्रयोग को प्रतिबंधित नहीं किया गया है बल्कि उन्हें संदर्भ के आधार पर कार्यवाही से हटाया जाता है तथा सभी सदस्य सदन की मर्यादा को ध्यान में रखते हुए अपने विचार व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र हैं। लोकसभा सचिवालय ने ‘ असंसदीय शब्द 2021 के तौर एक नया संकलन तैयार किया है इसमें जुमलाजीवी, बाल बुद्धि सांसद, शकुनी, जयचंद, लॉलीपॉप, चाण्डाल चौकड़ी, गुल खिलाए, तानाशाह, भ्रष्ट, ड्रामा, अक्षम, पिट्ठू जैसे शब्द शामिल हैं। इन शब्दों का इस्तेमाल अब कोई भी जनप्रतिनिधि नहीं कर सकेगा, यदि ऐसा होता है तो इसे असंसदीय भाषा माना जाएगा।
इसे भी पढ़ें-इस वजह से द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति चुनाव जीतना तय…