• 15/07/2022

कोयले से लदी मालगाड़ी के चार डिब्बे हुए डिरेल यह तो शुक्र है कि…

कोयले से लदी मालगाड़ी के चार डिब्बे हुए डिरेल यह तो शुक्र है कि…

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जांजगीर-चांपा। कोयले से भरी एक मालगाड़ी फिर से डिरेल हो गई है। नैला-जांजगीर के मार्ग से कोयला लेकर के मध्यप्रदेश के लिए रवाना हुई मालगाड़ी नैला-जांजगीर रेलवे स्टेशन में डिरेल हो गई। हादसे की खबर मिलते ही बिलासपुर से एक्सपर्ट की टीम जांजगीर रेलवे स्टेशन के लिए रवाना हो गई थी।
सूत्रों ने बताया कि नैला स्टेशन से एक कोयले से भरी मालगाड़ी मध्यप्रदेश के जैतहरी जा रही थी। मालगाड़ी नैला स्टेशन से आगे बढ़ी ही थी कि कुछ दूरी में जाकर यह डिरेल हो गई। इस गाड़ी के चार डिब्बे एक के बाद एक पटरी से उतरते चले गए। डिरेल की आशंका लोको पायलट को भी हो गई थी और तेज आवाज सुनकर उसने तत्काल गाड़ी रोक दी। इसके बाद तत्काल स्टेशन मास्टर को इसकी सूचना दी गई। यह तो शुक्र था कि जिस जगह पर यह हादसा हुआ वहां कोई रेलवे फाटक नहीं था।

जबकि हादसे वाले स्थान से चंद दूरी पर ही फाटक है। यदि फाइक के आसपास यह हादसा होता तो सड़क यातायात पूरी तरह से बंद हो जाता। इधर डिरेलमेंट की सूचना मिलते ही बिलासपुर से एक्टपर्ट की टीम मौके पर पहंुच गई थी। तकनीकी दल डिरेल हुए बोगियों को वापस पटरी में बिठाने लगातार प्रयास कर रहे हैं। दूसरी ओर इस मालगाड़ी के मुख्य लाइन पर न होने से भी एक बड़ी मुसीबत टल गई है। नैला स्टेशन से इस गाड़ी को साइड लाइन से निकाला जा रहा था कि तभी डिरेल हो गई।

शुक्र है कि जिस जगह यह हादसा हुआ है वह नैला स्टेशन से बमुश्किल एक किलोमीटर की दूरी है और यहां पर मुख्य लाईन के अलावा कई अन्य लाइने हैं। चूंकि मालगाड़ी में कोयला लदा था और इसे सुरक्षित ढंग से आगे रवाना करना था, इसीलिए इसे लाइन लाईनों से पासिंग देकर आगे बढ़ाया जा रहा था। वहीं स्टेशन के निकट होने के कारण मालगाड़ी की स्पीड भी काफी कम थी, यदि स्पीड अधिक होती तो निश्चित तौर पर यहां एक बड़ा हादसा हो सकता था। वहीं लोको पायलट की सूझबूझ ने भी मालगाड़ी को पलटने से बचा लिया, एक्सपर्ट की माने तो यदि स्पीड अधिक होती तो निश्चित तौर पर अन्य डिब्बे भी पलट जाते और यहां एक बड़ा नुकसान हो जाता।

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