• 21/08/2024

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में दलित, आदिवासी संगठनों का ‘भारत बंद’ आह्वान, जानिए कहां क्या असर? क्या खुला, क्या बंद

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में दलित, आदिवासी संगठनों का ‘भारत बंद’ आह्वान, जानिए कहां क्या असर? क्या खुला, क्या बंद

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दलित और आदिवासी संगठनों ने बुधवार को ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है। यह बंद हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग को लेकर बुलाया गया है। नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशंस नामक संगठन ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को दलित और आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ बताया है और केंद्र सरकार से इसे रद्द करने की मांग की है।

 

NACDAOR सरकार से इस फैसले को खारिज करने का आग्रह किया है, उनका तर्क है कि इससे अनुसूचित जातियों और जनजातियों के संवैधानिक अधिकारों को खतरा पैदा होगा। संगठन अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण पर संसद द्वारा एक नया अधिनियम पारित करने की भी मांग कर रहा है, जिसे संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करके संरक्षित किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ में भारत बंद का मिलाजुला असर देखने को मिल रहा है। राजधानी रायपुर, बिलासपुर जैसे बड़े शहरों में भारत बंद का कोई असर देखने को नहीं मिला रहा हैं। साथ ही कई जिलों में व्यापक प्रभाव भी देखा जा सकता है।

आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में ज्यादा असर दिख रहा है। बस्तर में सुबह से सभी बाजार बंद है।गाड़ियों के पहिए थमे हुए हैं। सड़क पर गाड़ियां नजर नहीं आ रही है। नेशनल हाइवे पर ट्रकों की लंबी लाइनें लगी है। हालांकि भारत बंद के दौरान मेडिकल स्टोर्स, अस्पताल, पेट्रोल पंप, गैस, दूध, शासकीय कार्यालय, सभी शैक्षणिक संस्था, ऑटो – रिक्शा, निजी वाहन, एंबुलेंस को राहत दी गई है। छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स ने भी बंद का समर्थन नहीं किया है। लिहाजा मार्केट खुले हैं। आवगमन भी आम दिनों की ही तरह है।