- 10/11/2023
धनतेरस में बन रहा विशेष योग, इस मुहूर्त पर खरीदारी और पूजा करना श्रेष्ठ, जाने मुहूर्त और पूजन विधि


आज धनतेरस है। इस दिन मां लक्ष्मी, कुबेर के साथ ही भगवान धन्वंतरी की पूजा-अर्चना की जाती है। इस साल धनतेरस के मौके पर बेहद दुर्लभ संयोग बन रहा है। धनतेरस पर इस साल 5 योगों का शुभ संयोग बन रहा है। अमृत योग, शुभ कर्तरी, प्रीति, सुमुख और सरल का संयोग बन रहा है। इन योगों में पूजा-पाठ और खऱीदारी करना शुभ फलदायक है। किस मुहुर्त में पूजा और खरीदारी करना विशेष शुभदायक रहेगा आइए बताते हैं।
पूजा मुहूर्त
धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी, भगवान गणेश, धन्वंतरि और और कुबेर जी की पूजा की जाती है। इस पूजा का खास महत्व माना जाता है। धनतेरस पर संध्या पूजन का उत्तम मुहूर्त 5:47 से शाम 7:45 तक रहने वाला है।
धनतेरस शुभ मुहूर्त
- अति शुभ मुहूर्त- प्रदोष काल, शाम 5:16-7:54
- शुभ चौघड़िया मुहूर्त- (10 नवंबर)
- अपराह्न मुहूर्त (चर)- 3:56 से 5:18 बजे
- अपराह्न मुहूर्त (शुभ)- 12:35 से 1:12 बजे
- रात्रि मुहूर्त (लाभ)- 8:34 से 10:12 बजे
- रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर)- 11:50 से 4:44 बजे (11 नवंबर)
धनत्रयोदशी में व्याप्त शुभ चौघड़िया मुहूर्त- (11 नवंबर)
- सुबह मुहूर्त (शुभ)- 7:44 से 9:06 बजे
- अपराह्न मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत)- 11:50 से 1:57 बजे
- धनतेरस पूजन शुभ मुहूर्त- प्रदोष काल शाम 5:18 से 7:55
- वृषभ लग्न- शाम 5:35-7:32 बजे तक
पूजा विधि
- स्नान आदि से निवृत्त हो कर मंदिर की साफ सफाई करें
- माता लक्ष्मी और कुबेर जी का शुद्ध जल से जलाभिषेक करें
- लक्ष्मी मां का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें
- अब माता को लाल चंदन और लाल पुष्प अर्पित करें
- मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें
- माता को दूध से बनी खीर और मिष्ठान्न का भोग लगाएं
- श्री लक्ष्मी सूक्त का पाठ करें
- पूरी श्रद्धा के साथ भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और कुबेर जी की आरती करें
- अंत में क्षमा याचना करें
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर ये दावा नहीं किया जाता है कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह लें।