• 08/08/2024

कहीं बारिश में छीन न जाए नजर, इस गंभीर बीमारी को न करें नजरअंदाज…ऐसे करें बचाव

कहीं बारिश में छीन न जाए नजर, इस गंभीर बीमारी को न करें नजरअंदाज…ऐसे करें बचाव

Follow us on Google News

मानसून का दौर शुरू होते ही आंखों में संक्रमण की समस्या बढ़ गई है। आंखों में कंजक्टिवाइटिस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ये वायरस से होने वाली एक समस्या है। इस दौरान मरीजों को आंखों में दर्द, लाली आने समेत कई समस्याएं हो जाती हैं बरसात आते ही आंखों में चुभन, पानी निकलना, आंख लाल होना और आंखों में जलन होना शुरू हो जाता है, जो कंजक्टिवाइटिस या आई फ्लू का लक्षण है।

 

कंजेक्टिवाइटिस दो प्रकार का होते हैं। एक वायरल और दूसरा बैक्टीरियल। बारिश शुरू होने के बाद से ही आई फ्लू के मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई है, इनमें ज्यादातर मरीज बैक्टीरियल इंफेक्शन के हैं। बैक्टीरियल आई फ्लू होने का मतलब है कि रेटिना तक इन्फेक्शन पहुंच गया है, जिसकी वजह से आंखों में धुंधलापन होने लगता है।

 

डॉक्टरों के मुताबिक, संक्रमित व्यक्ति की आंखों से निकलने वाले डिस्चार्ज के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संपर्क में आने द्वारा यह फैल सकता है।संक्रमण एक या दोनों आंखों में हो सकता है। यह आमतौर पर हाथ से आंख के संपर्क के माध्यम से या किसी ऐसी वस्तु को छूने से फैलता है जिसे कंजेक्टिवाइटिस आई से संक्रमित व्यक्ति ने छुआ हो और फिर आपकी आंख को छू लिया हो।

 

दिल्ली की डॉक्टर कीर्ति सिंह ने बताया कि आई फ्लू में जब तक आपको आंखों में धुंधलापन नहीं आ रहा है तब तक बहुत ज्यादा हार्ड आई ड्रॉप लेने की जरूरत नहीं होती है। अक्सर लोग गलती करते हैं कि अगर आंख लाल होती है, आंख में दर्द होता है तो सीधे मेडिकल स्टोर पर जाकर के केमिस्ट से कोई आई ड्राप ले लेते हैं।केमिस्ट डॉक्टर नहीं होता है।इसलिए बिना आंखों के डॉक्टर की सलाह के आंख में कोई भी ड्रॉप नहीं डालें।

 

उन्होंने बताया कि वायरल इन्फेक्शन में कभी भी किसी एंटीबायोटिक ड्रॉप की जरूरत नहीं होती है। वायरल आई फ्लू में हमेशा लुब्रिकेंट नाम से जो आंखों का एक पानी आता है उसको डाल करके 5 से 7 दिन में आई फ्लू ठीक हो जाता है। लेकिन, जब बैक्टीरियल इंफेक्शन होता है और आंख में धुंधलापन आने लगे तो जरूर एंटीबायोटिक आई ड्रॉप लेने की जरूरत होती है।इसलिए बिना डॉक्टर को दिखाएं कोई भी ड्रॉप का इस्तेमाल न करें।