- 08/12/2023
दो मिनट के यौन सुख की इच्छा को नियंत्रित रखें लड़कियां, हाईकोर्ट की टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई आपत्ति
सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के एक फैसले पर की गई टिप्पणी को लेकर कड़ी आपत्ति जाहिर की है। पॉक्सो से जुड़े एक मामले में हाईकोर्ट ने किशोरियों को अपनी यौन इच्छाओं पर नियंत्रण रखने की सलाह दी थी और कहा था कि उन्हें 2 मिनट के यौन सुख के फेर में नहीं पड़ना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के इस भाषा को आपत्तिजनक और अनुचित बताया है। इसके साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि हाईकोर्ट की तरफ से की गई टिप्पणियां संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत किशोरों के अधिकारों का उल्लंघन है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारा प्रथम दृष्टया यह मानना है कि न्यायाधीशों से व्यक्तिगत विचार व्यक्त करने या उपदेश देने की अपेक्षा नहीं की जाती। इस मामले में शीर्ष न्यायलय ने पश्चिम बंगाल सरकार समेत कई अन्य को भी नोटिस जारी किया गया है। कोर्ट ने राज्य से पूछा है कि हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ अपील दायर की जाएगी या नहीं।
ये है मामला
दरअसल पॉक्सो से जुड़े एक मामले में निचली अदालत ने एक लड़के को अपनी नाबालिग साथी के साथ यौन संबंध बनाने पर 20 साल की सजा सुनाई गई थी। निचली अदालत के इस फैसले हाईकोर्ट को में चुनौती दी गई थी। इस मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने एक लड़के को बरी कर दिया था। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि किशोरियों को अपनी यौन इच्छाओं पर नियंत्रण रखना चाहिए और दो मिनट के सुख के लिए खुद को समर्पित नहीं करना चाहिए।