• 10/10/2022

शहीदों को मुलायम सिंह यादव ने दिलाया था सम्मान, जानिये वो अहम फैसला जिसके बाद घर तक पहुंचाया जाने लगा उनका पार्थिव देह

शहीदों को मुलायम सिंह यादव ने दिलाया था सम्मान, जानिये वो अहम फैसला जिसके बाद घर तक पहुंचाया जाने लगा उनका पार्थिव देह

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उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का 82 साल की उम्र में निधन हो गया। समाजवादी पार्टी के पूर्व मुखिया लंबे समय से बीमार चल रहे थे। मुलायम सिंह यादव तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, 10 बार विधायक और 7 बार सांसद रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहने के अलावा वो देश के रक्षा मंत्री भी रहे हैं। शहीदों का शव आज जिस मान-सम्मान के साथ उनके घर तक पहुंचाया जा रहा है। उसका श्रेय मुलायम सिंह यादव को जाता है।

शहीदों की टोपियां ही पहुंचाई जाती थी घर

आजाद होने के बाद भी सरहदों पर कभी शांति नहीं रही। कभी चीन तो कभी पाकिस्तान तो कभी आतंकवाद। अशांति का यह साया भारत पर लगातार मंडराते रहा है। भारतीय सेना के जवान लगातार देश की रक्षा की खातिर लगातार अपनी कुर्बानी देते रहे हैं। लेकिन उन शहीदों का शव कभी उनके घर तक नहीं पहुंचाया जाता था। अपने बेटे, भाई या पति का इंतजार कर रहे परिजनों तक निशानी के तौर पर उनकी टोपियां ही पहुंचाई जाती थी।

शहीदों का अंतिम दर्शन नहीं कर पाने का उनके परिजनों का दर्द बतौर रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव ने समझा। मुलायम सिंह यादव 1 जून 1996 से 19 मार्च 1998 तक देश के रक्षा मंत्री थे। इस दौरान उन्होंने बेहद अहम फैसला लिया था, जिसकी वजह से शहीदों का शव आज उनके घर तक सम्मान के साथ पहुंचाया जा रहा है।

देश के तत्कालीन रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव ने एक कानून बनाया कि अगर कोई भी सैनिक शहीद होता है तो उसकी पार्थिव देह पूरे राजकीय सम्मान तक उसके घर तक पहुंचाई जाएगी। यही नहीं कलेक्टर (DM) और एसपी भी उनके घर जाएंगे।