- 09/09/2022
1980 के दशक से राजनीति में सक्रिय ‘ओम माथुर’, PM मोदी के माने जाते हैं करीबी
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा छत्तीसगढ़ के दौरे पर हैं. नड्डा के दौरे के दौरान ही बीजेपी ने बड़ी सर्जरी करते हुए छत्तीसगढ़ की प्रभारी डी पुरंदेश्वरी को पद से हटा दिया है. उनकी जगह ओम माथुर को प्रदेश प्रभारी बनाया गया है.
1980 दशक से राजनीति में सक्रिय
भारत की राजनीति में ओम प्रकाश माथुर ऐसा नाम है, जिसको भारतीय संगठनात्मक राजनीति का चाणक्य कह सकते हैं. माथुर के राजनीतिक किरदार की बात करते है तो शुरुआत उस दौर से करते हैं जब कांग्रेस बहुत मजबूत स्थिति में थी. 1980 का दशक देश की मुख्य सत्तापक्ष की पार्टी कांग्रेस मजबूत और आक्रामक स्थिति में थी. BJP राष्ट्रीय स्तर पर अपने अस्तित्व के लिए अटल-आडवाणी के नेतृत्व में संघर्ष कर रही थी, तो राजस्थान में भैरो सिंह शेखावत को सारथी के रूप में ओम प्रकाश माथुर जैसा व्यक्तित्व 1990 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से मिला.
संगठन को दी नई दिशा
ओम माथुर का नेतृत्व संगठन की मजबूती और नए राजनेताओं की खेप तैयार करने के लिए जाना जाता है, सरल भाषा कहें तो नेता निर्माता. माथुर अपने प्रारम्भिक राजनीतिक दौर राजस्थान में सक्रिय रहकर 1990 से 1998 तक भैरोसिंह की सरकार चलवाई. 2002 में माथुर को तरक्की दी गई और वो राष्ट्रीय राजनीति में चले गए.
PM मोदी के सबसे करीबी
उत्तराखण्ड, मध्यप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, झारखण्ड जैसे राज्यों में चुनाव लड़ाये. लम्बे समय तक राष्ट्रीय महामंत्री भी रहे. ओम प्रकाश माथुर गुजरात में लंबे समय तक प्रभारी रहे. जब देश के प्रधानमंत्री गुजरात से बाहर निकल कर प्रधानमंत्री की रेस में शामिल हो चुके थे. प्रधानमंत्री घोषित होने से पहले ही कांग्रेस से मुकाबले में दो-दो हाथ कर रहे थे उस समय गुजरात ओम प्रकाश माथुर के हवाले था. मोदी देश के प्रधानमंत्री बन चुके थे नरेंद्र मोदी को मालूम था देश का प्रधानमंत्री लंबे समय तक मजबूत वही रह सकता है जो मध्य भारत पर मजबूती से पकड़ बनाए रखेगा.
केंद्रीय टीम में मिली जिम्मेदारी
वरिष्ठ भाजपा नेता ओम प्रकाश माथुर राजस्थान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं. ओम माथुर राजस्थान से आते हैं. माथुर लंबे समय तक केंद्रीय टीम में उपाध्यक्ष और महामंत्री भी रहे हैं. इसके अलावा वे राजस्थान से राज्यसभा सांसद भी रहे हैं. हाल ही में उनका कार्यकाल समाप्त हुआ है. केंद्रीय भाजपा टीम में उनके पास कोई पद या किसी प्रदेश की जिम्मेदारी नहीं थी. पार्टी ने उन्हें वापस केंद्र की सियासत में नई जिम्मेदारी दी है.
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