- 28/07/2025
छत्तीसगढ़ में ननों की गिरफ्तारी पर हंगामा: संसद के बाहर प्रदर्शन, राहुल गांधी ने कहा- यह भाजपा-RSS का भीड़तंत्र है

छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन पर धर्मांतरण और मानव तस्करी के आरोप में दो कैथोलिक ननों की गिरफ्तारी के मामले में सियासी तूफान खड़ हो गया है। इस मामले में सोमवार को संसद भवन परिसर में सांसदों ने जमकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल, आरएसपी के एन.के. प्रेमचंद्रन और आईयूएमएल के ई.टी. मोहम्मद बशीर शामिल थे। सांसदों ने ननों की तत्काल रिहाई और अल्पसंख्यकों के खिलाफ कथित उत्पीड़न को रोकने की मांग की।
राहुल गांधी का बीजेपी पर हमला
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “छत्तीसगढ़ में दो कैथोलिक ननों को उनकी आस्था के कारण निशाना बनाकर जेल भेज दिया गया। यह न्याय नहीं, बल्कि भाजपा-RSS का भीड़तंत्र है। यह एक खतरनाक पैटर्न को दर्शाता है, जहां अल्पसंख्यकों का व्यवस्थित उत्पीड़न हो रहा है। UDF सांसदों ने संसद में विरोध प्रदर्शन किया। हम धार्मिक स्वतंत्रता के संवैधानिक अधिकार के लिए लड़ेंगे और ननों की तत्काल रिहाई की मांग करते हैं।”
प्रियंका गांधी ने की निंदा
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, “25 जुलाई को दुर्ग रेलवे स्टेशन पर दो ईसाई ननों, सिस्टर वंदना और सिस्टर प्रीति, को बिना किसी कानूनी आधार के हिरासत में लिया गया। उन पर धर्मांतरण और मानव तस्करी के झूठे आरोप लगाए गए। यह अल्पसंख्यक अधिकारों पर गंभीर हमला है। भाजपा शासन में अल्पसंख्यकों को सिस्टेमैटिक रूप से परेशान और बदनाम किया जा रहा है।”
पूरी कार्रवाई को सार्वजनिक करें- बैज
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा, “भाजपा सरकार धर्मांतरण के नाम पर राजनीति कर रही है। इस मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और पूरी कार्रवाई को सार्वजनिक करना चाहिए।”
क्या है पूरा मामला?
25 जुलाई को दुर्ग रेलवे स्टेशन पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने दो कैथोलिक ननों, सिस्टर प्रीति मैरी और सिस्टर वंदना फ्रांसिस, और एक युवक सुखमन मंडावी को तीन आदिवासी युवतियों—कमलेश्वरी, ललिता और सुखमति—के साथ पकड़ा। बजरंग दल ने आरोप लगाया कि ये लोग नारायणपुर की युवतियों को नौकरी का झांसा देकर आगरा ले जा रहे थे, जो मानव तस्करी और धर्मांतरण से जुड़ा है। बजरंग दल की प्रदेश संयोजिका ज्योति शर्मा ने दावा किया कि सुखमन मंडावी के पास तीन आधार कार्ड, एक डायरी, और 7-10 नाबालिग लड़कियों की तस्वीरें मिलीं, जिसमें कई राज्यों के नाम और पादरियों के नंबर दर्ज थे।
हंगामे के बाद गिरफ्तारी
बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने रेलवे स्टेशन पर हंगामा किया और जीआरपी पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने तीनों आरोपियों को हिरासत में लेकर भिलाई-3 थाने में धर्मांतरण की धारा 4 के तहत मामला दर्ज किया। युवतियों को भिलाई सखी सेंटर में रखा गया है, जबकि नन और युवक को न्यायिक रिमांड में जेल भेज दिया गया।
हम भेजना नहीं चाहते थे
युवतियों में से एक, कमलेश्वरी प्रधान के जीजा अवस लाल धनेलिया ने कहा, “मैंने परिवार को किसी पर भरोसा कर युवतियों को नहीं भेजने की सलाह दी थी, लेकिन मेरी बात नहीं मानी गई। हम उन्हें कहीं नहीं भेजना चाहते।” नारायणपुर के ओरछा थाना प्रभारी रॉबिनशन ने बताया कि परिजनों ने कोई गुमशुदगी की शिकायत दर्ज नहीं की थी।
विपक्षी नेताओं ने इस मामले में निष्पक्ष जांच और ननों की तत्काल रिहाई की मांग की है। वहीं, बजरंग दल ने पुलिस से इस नेटवर्क के अन्य कनेक्शनों की जांच की मांग की है। मामला अभी जांच के दायरे में है, और पुलिस डायरी व अन्य सामग्री की जांच कर रही है।