- 01/11/2022
आरक्षण पर घमासान : आदिवासी समाज ने हाईकोर्ट में मुख्य सचिव और GAD सचिव के खिलाफ की अवमानना याचिका दायर
छत्तीसगढ़ में आरक्षण को लेकर विवाद लगातार जारी है। विरोध प्रदर्शन के बीच अब मुख्य सचिव अमिताभ जैन और सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डॉ कमलप्रीत सिंह के खिलाफ छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। राज्य के दोनों अफसरों पर न्यायालय की अवमानना का आरोप है।
यह याचिका आदिवासी समाज के मनोज नाम के एक युवक द्वारा दायर की गई है। उन्होंने यह याचिका हाईकोर्ट के अधिवक्ता प्रियासदीप सिंह के माध्यम से दायर की है। याचिकाकर्ता के मुताबिक राज्य के दोनों अफसरों ने उच्च न्यायालय के फैसले के उल्टा रिजर्वेशन रोस्टर चलाया। जिसमें अनुसूचित जनजाति को 20 फीसदी, अनुसूचित जाति को 15 और अन्य पिछड़ा वर्ग को 14 प्रतिशत आरक्षण देने की बात कही गई है। यह रोस्टर गैर कानूनी है। डीएमई द्वारा मेडिकल में प्रवेश के लिए 9 अक्टूबर को एक नया रोस्टर जारी किया गया है।
आपको बता दें इससे पहले योगेश ठाकुर ने मुख्य सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव के साथ ही विधि एवं विधायी कार्य विभाग के सचिव को अवमानना का लीगल नोटिस भेजा था। जिसकमें कहा गया था कि हाईकोर्ट के 19 सितंबर के फैसले के बाद सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण पूरी तरह खत्म हो गया है। लेकिन सामान्य प्रशासन विभाग ने 19 सितंबर को जो सर्कुलर जारी किया था उसमें यह स्पष्ट नहीं किया गया।
नोटिस में उन्होंने कहा था कि सभी विभागों को यह बताना होगा कि हाईकोर्ट के फैसले के बाद प्रदेश में आरक्षण जीरो हो गया है। जब तक कि सरकार की ओर से कोई नया अध्यादेश, अधिनियम या सर्कुलर जारी नहीं किया जाता, तब तक नौकरी और शैक्षणिक संस्थाओं में कोई आरक्षण नहीं मिलेगा। अगर एक सप्ताह के भीतर ऐसा नहीं किया गया तो वे न्यायालय में अवमानना का केस दायर करेंगे।
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