• 28/09/2022

नोटबंदी के खिलाफ दायर याचिकाओं पर 12 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई, 5 जजों की संविधान पीठ सुनेगी मामला

नोटबंदी के खिलाफ दायर याचिकाओं पर 12 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई, 5 जजों की संविधान पीठ सुनेगी मामला

Follow us on Google News

नोटबंदी पर दायर याचिकाओं पर आज 6 बाद सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. अब सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ 12 अक्टूबर को इस मामले पर सुनवाई करेगी. सबसे पहले यही तय किया जाएगा कि क्या वाकई अब इस मामले में सुनने के लिए कुछ बाकी है.

मामले की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बेंच का गठन किया जिसमें पांच जजों – जस्टिस एस अब्दुल नजीर, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यन और जस्टिस बीवी नागरत्ना को शामिल किया गया है. संविधान पीठ मामले की अगली सुनवाई के लिए 12 अक्टूबर की तारीख यह पता लगाने के लिए मुकर्रर की है कि याचिकाओं पर विचार करने की जरूरत है या यह एक अकादमिक अभ्यास बन गया है.

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 की रात को अचानक 500 और 1000 रुपए के नोटों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी. इस घोषणा पर अगले दिन से अमल किया गया था. केंद्र सरकार के इस फैसले को 58 याचिकाओं के माध्यम से चुनौती दी गई थी.  याचिकाकर्ताओं ने दावा किया है कि लोगों की गाढ़ी कमाई को कानून की उचित प्रक्रिया अपनाए और लोगों को उचित अवसर दिए बिना जब्त कर लिया गया.

केंद्र का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आज सुनवाई के दौरान कोर्ट में कहा कि यह मुद्दा अब सभी उद्देश्यों के लिए प्रासंगिक नहीं रहा. यह केवल एक अकादमिक अभ्यास भर का यह गया है. उन्होंने कहा कि वह इस मामले में बहस करने को तैयार हैं. वहीं पीठ ने लंबित मामलों के भारी संख्या का हवाला देते हुए कहा कि अकादमिक अभ्यास के लिए मामलों को क्यों उठाना चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट के सामने कुल 58 याचिकाओं पर विचार रखते हुए कई वकीलों ने दावा किया कि मुद्दे प्रासंगिक और इस अदालत द्वारा निर्णय की आवश्यकता थी. इस पर पीठ ने कहा कि दो पहलू थे- कार्रवाई की वैधता और नोटबंदी के कार्यान्वयन से जुड़ी समस्या. कोर्ट ने नोटबंदी के सरकार के फैसले की वैधता का मामला 16 दिसंबर 2016 को संविधान पीठ के समक्ष भेजा था.

गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी का ऐलान कर दिया था. जिसके बाद 500 और 1000 रुपये के करेंसी नोट को बंद कर दिया था. हालांकि सरकार ने बाद में पुराने नोटों को बदलने के लिए कई मौके दिए थे.