• 20/05/2022

हैदराबाद गैंग रेप : आरोपियों के एनकाउंटर को आयोग ने बताया फर्जी, सुप्रीम कोर्ट ने दिया कार्रवाई का आदेश

हैदराबाद गैंग रेप : आरोपियों के एनकाउंटर को आयोग ने बताया फर्जी, सुप्रीम कोर्ट ने दिया कार्रवाई का आदेश

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित जांच आयोग ने साल 2019 के बहुचर्चित हैदराबाद गैंग रेप मामले में आरोपियों के एनकाउंटर को फर्जी करार दिया है। आयोग ने मामले में कुछ पुलिसवालों को दोषी ठहराया है। सुप्रीम कोर्ट ने रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के आदेश के साथ ही कार्रवाई के लिए मामले को तेलंगाना हाईकोर्ट भेज दिया है।

मामला 26 नवंबर 2019 का है। हैदराबाद की एक 27 साल की वेटनरी डॉक्टर के साथ सामुहिक बलात्कार करने के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। मामले में पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। 6 दिसंबर की रात 3 बजे पुलिस ने चारों आरोपियों को एक संदिग्ध एनकाउंटर में मार गिराया था। पुलिस का दावा था कि जब आरोपियों को क्राइम सीन पर ले जाया गया था तो उन्होंने भागने की कोशिश की, इसके बाद पुलिस ने चारों को एनकाउंटर में मार गिराया था।

घटना के बाद पुलिस एनकाउंटर पर सवाल उठने लगे थे। कुछ दिनों बाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक जांच आयोग का गठन किया था और आयोग को 6 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया था। जांच का जिम्मा सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस वीएस सिरपुरकर को दिया गया था।

गठन के बाद आयोग ने अपना काम शुरु कर दिया था लेकिन कोरोना की वजह जांच में विलंब हुआ। आयोग ने जांच पूरी करने के बाद इस साल जनवरी में अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी थी।

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने आज रिपोर्ट का अध्ययन किया। वहीं तेलंगाना सरकार की ओर से पेश हुए वकील श्याम दीवान ने रिपोर्ट को गोपनीय रखने का अनुरोध किया था, जिसे कोर्ट ने ठुकरा दिया।

जिस पर चीफ जस्टिस ने कहा, “इसमें गोपनीयता की कोई बात नहीं। हमारे आदेश पर जांच हुई और कुछ लोगों को दोषी पाया गया। राज्य सरकार रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करे। हम अब मामले की निगरानी नहीं करना चाहते। सभी पक्ष रिपोर्ट को पढ़ें और आगे की राहत के लिए हाई कोर्ट में अपनी बात रखें।”

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