• 20/06/2025

क्लस्टर बम क्या है, कैसे मचाता है तबाही? इरान ने इजराइल पर किया हमला

क्लस्टर बम क्या है, कैसे मचाता है तबाही? इरान ने इजराइल पर किया हमला

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इजराइल और ईरान के बीच चल रहे सात दिन पुराने संघर्ष में एक नया मोड़ आया है। इजराइल ने दावा किया है कि ईरान ने 19 जून को बैलिस्टिक मिसाइल के जरिए क्लस्टर बम का इस्तेमाल किया, जो इस युद्ध में इस विवादास्पद हथियार का पहला दर्ज उपयोग है। यह हमला कथित तौर पर तेल अवीव और बेयरशेबा के सिविलियन इलाकों को निशाना बनाकर किया गया, जिसमें सोरोका अस्पताल को भी नुकसान पहुंचा।

क्लस्टर बम क्या है?

क्लस्टर बम एक प्रकार का हथियार है, जिसमें एक मुख्य मिसाइल या गोला हवा में फटकर सैकड़ों छोटे-छोटे विस्फोटक उप-गोले (सबम्यूनिशन) छोड़ता है। ये उप-गोले कई फुटबॉल मैदानों के बराबर क्षेत्र में फैल जाते हैं, जिससे बड़े पैमाने पर विनाश होता है। इजराइली सेना के अनुसार, ईरान द्वारा दागे गए क्लस्टर बम की मिसाइल करीब सात किलोमीटर की ऊंचाई पर फटी, जिससे 20 उप-गोले आठ किलोमीटर के दायरे में बिखर गए। प्रत्येक उप-गोले में लगभग 2.5 किलोग्राम विस्फोटक होता है, जो प्रभाव पर विस्फोट करता है।

क्यों है विवादास्पद?

क्लस्टर बम की खासियत यह है कि यह एक बड़े क्षेत्र को प्रभावित करता है, लेकिन इसकी सटीकता कम होती है। कई बार ये उप-गोले तुरंत विस्फोट नहीं करते और जमीन पर पड़े रहते हैं, जो युद्ध समाप्त होने के बाद भी नागरिकों के लिए खतरा बने रहते हैं। ये अनएक्सप्लोडेड ऑर्डनेंस बच्चों और आम लोगों के लिए घातक साबित हो सकते हैं। 2008 के कन्वेंशन ऑन क्लस्टर म्यूनिशन्स के तहत 111 देशों और 12 अन्य इकाइयों ने इस हथियार के उत्पादन, भंडारण, हस्तांतरण और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है। हालांकि, ईरान, इजराइल, अमेरिका, रूस और चीन जैसे देश इस संधि में शामिल नहीं हैं।

इरान का हमला और इजराइल का दावा

इजराइल की सेना ने बताया कि ईरान ने गुरुवार को मध्य इजराइल में एक बैलिस्टिक मिसाइल दागी, जिसमें क्लस्टर बम वॉरहेड था। इस मिसाइल ने ओर येहुदा और आसपास के इलाकों को निशाना बनाया। इजराइली सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल नदव शोशानी ने कहा कि यह हथियार नागरिकों को नुकसान पहुंचाने के इरादे से इस्तेमाल किया गया। इजराइल के वॉशिंगटन दूतावास ने भी दावा किया कि यह मिसाइल घनी आबादी वाले क्षेत्र में दागी गई थी। हालांकि, इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन बेयरशेबा के सोरोका अस्पताल और आजोर शहर में एक घर को नुकसान पहुंचा।

ईरान की इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने दावा किया कि उनका निशाना अस्पताल नहीं, बल्कि पास का सैन्य और खुफिया ठिकाना था। ईरान ने इस हमले में खोरमशहर, सजील और फतेह-2 जैसी मिसाइलों का इस्तेमाल करने की बात कही।

तबाही का मंजर

क्लस्टर बम की खासियत इसकी व्यापक विनाशकारी क्षमता है। एक सामान्य बैलिस्टिक मिसाइल जहां एक केंद्रित विस्फोट करती है, वहीं क्लस्टर बम कई छोटे विस्फोटकों को बिखेरकर बड़े क्षेत्र को प्रभावित करता है। इजराइली सेना ने चेतावनी जारी की है कि लोग संदिग्ध वस्तुओं को न छुएं, क्योंकि ये अनएक्सप्लोडेड बम हो सकते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, ईरान की मिसाइलें कम सटीक होती हैं, जिससे नागरिक क्षेत्रों को नुकसान का खतरा बढ़ जाता है। डेरिल किमबॉल, आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन के कार्यकारी निदेशक, ने कहा कि ये हथियार नागरिकों को निशाना बनाने की संभावना को बढ़ाते हैं।

युद्ध का व्यापक प्रभाव

यह हमला इजराइल-ईरान संघर्ष के सातवें दिन का हिस्सा है, जिसमें दोनों देश एक-दूसरे पर मिसाइल और ड्रोन हमले कर रहे हैं। इजराइल ने ईरान के परमाणु ठिकानों, जैसे अराक हेवी वॉटर रिएक्टर, पर हमले किए, जबकि ईरान ने जवाबी कार्रवाई में क्लस्टर बम का इस्तेमाल किया। इस युद्ध में अब तक इजराइल में 24 और ईरान में 639 लोगों की मौत की खबर है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि वह अगले दो हफ्तों में ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई पर फैसला लेंगे।

क्लस्टर बम के इस्तेमाल ने इस संघर्ष को और जटिल बना दिया है, क्योंकि यह हथियार न केवल तात्कालिक विनाश का कारण बनता है, बल्कि लंबे समय तक खतरा बना रहता है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस घटनाक्रम पर नजर रखे हुए है, क्योंकि यह क्षेत्रीय स्थिरता और वैश्विक तेल आपूर्ति पर भी असर डाल सकता है।