- 03/07/2024
ISRO को सौर मिशन में मिली बड़ी कामयाबी, आदित्य-L1 ने पूरा किया हेलो ऑर्बिट का चक्कर
अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन को बड़ी सफलता प्राप्त हुई।आदित्य L1 अपने मिशन का पहला पड़ाव पूरा कर लिया।ISRO ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत के पहले सौर मिशन आदित्य-एल-1 अंतरिक्ष यान ने मंगलवार को सूर्य-पृथ्वी एल-1 बिंदु के चारों ओर अपनी पहली हेलो कक्षा पूरी कर ली।
इस मिशन के जरिए वायुमंडल, सौर चुंबकीय तूफानों और पृथ्वी के आसपास के पर्यावरण पर उनके प्रभाव का अध्ययन किया जा रहा है।
आदित्य-एल1 मिशन लैग्रेंजियन बिंदु एल1 पर स्थित एक भारतीय सौर वेधशाला है।इसे पिछले वर्ष 2 सितम्बर को प्रक्षेपित किया गया था। फिर 6 जनवरी को इसे इसके लक्षित हेलो कक्षा में स्थापित किया गया। हेलो कक्षा में आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान को एल1 बिंदु के चारों ओर एक चक्कर पूरा करने में 178 दिन लगते हैं। इसरो ने कहा कि हेलो कक्षा में यात्रा के दौरान अंतरिक्ष यान को विभिन्न भ्रमित करने वाले बलों का सामना करना पड़ेगा, जिसके कारण वह लक्षित कक्षा से बाहर चला जाएगा।
इसके अलावा, इस कक्षा को बनाए रखने के लिए क्रमशः 22 फरवरी और 7 जून को दो स्टेशन-कीपिंग ऑपरेशन चलाए गए। तीसरे स्टेशन-कीपिंग ऑपरेशन ने यह सुनिश्चित किया है कि इसकी यात्रा L1 के आसपास दूसरे हेलो ऑर्बिट पथ में जारी रहे। सूर्य-पृथ्वी एल1 लैग्रेंजियन बिंदु के चारों ओर आदित्य एल1 की इस यात्रा में जटिल गतिशीलता का मॉडल शामिल है।
आदित्य-एल1 सूर्य की निगरानी के लिए भारत का पहला समर्पित मिशन है, विशेष रूप से यह समझने के लिए कि जब सूर्य सक्रिय होता है तो क्या होता है। सौर वेधशाला को 400 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है।