- 17/09/2022
मंत्री जी ये है आपके अस्पताल की व्यवस्था, बच्ची को चढ़ रहा खून, मां स्टैंड बनकर थैली लिए खड़ी
मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार चाहे जितना स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर दावे कर लें, लेकिन आए दिन किसी न किसी अस्पताल से ऐसा मामला सामने आ ही जाता है, जो सारे दावों की पोल खोलकर रख देता है. ऐसा ही एक ताजा मामला सतना जिले से सामने आया है. जिसकी तस्वीर इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. जिस पर शिवराज सरकार पर लोग तंज भी कस रहे हैं.
दरअसल, पूरा मामला जिले के मैहर सिविल अस्पताल का है. यहां बीते दिनों एक तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हुई. वायरल तस्वीर में एक मां अपनी बेटी के ब्लड की थैली लिए अस्पताल परिसर में खड़ी है और बीमार बच्ची को ब्लड चढ़ रहा है. इस शर्मनाक तस्वीर के वायरल होते ही जिला प्रशासन के होश उड़ गए और अब प्रशासन कार्रवाई के नाम पर अपने अलग राग अलाप रहा है.
मध्यप्रदेश सरकार जहां एक ओर स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे करती हैं, वहीं इन दावों की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही हैं. जी हां… कुछ ऐसा ही है. 13 सितंबर को एक महिला ने मैहर के सिविल अस्पताल में अपनी बेटी संतोषी केवट को शिशु रोग विभाग में भर्ती कराया था. जिसका इलाज विशेषज्ञ डॉ प्रदीप निगम की देखरेख में चल रहा था.
बताया जा रहा है कि बच्ची की जांच में यह सामने आया कि 2.8 ग्राम हीमोग्लोबिन था और A पाजीटिव ब्लड ग्रप था. ऐसी स्थिति में बच्ची को और ब्लड चढ़वाने की जरुरत पड़ी. जहां अस्पताल में बच्ची को ब्लड तो उपलब्ध कराया गया, लेकिन उसे बेड नहीं मिला. डॉक्टर ब्लड चढ़ाने के लिए बच्ची को वेनफ्लाम लगाकर चले गए और बच्ची को बेड पर लेटाना उचित नहीं समझा. लापरवाही का आलम यह कि बच्ची को जमीन पर बैठे-बैठे ही ब्लड चढ़ा दिया. वहीं बच्ची की मां को ब्लड की थैली पकड़ा दिया.
वहीं जब यह तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हुई तो जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में बच्ची को बेड दिलवाने की व्यवस्था की गई, लेकिन यह बेड जमीन पर लगाया गया. बच्ची को जमीन पर लेटाकर ब्लड चढ़ाया गया. इतना ही नहीं वीडियो में अन्य कई मरीज भी जमीन पर पड़े हैं.
वहीं जांच पड़ताल में सबसे बड़ी बात यह सामने आई कि सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं के दावों की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. सिविल अस्पताल 75 बेड का अस्पताल है, लेकिन वर्तमान में 110 से अधिक मरीज वहां पर भर्ती हैं. ऐसे में अधिकांश मरीजों को उपचार के लिए उचित व्यवस्थाएं उपलब्ध नहीं हो पाती हैं.
इस मामले पर हो मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अशोक अवधिया ने बताया कि 13 सितंबर को संतोषी केवट नाम की बच्ची (15) को भर्ती किया गया था. जिसका हिमोग्लोबिन 2.8 ग्राम था और बच्ची का ब्लड ग्रुप ए पॉजिटिव था. ऐसी स्थिति में बच्ची को ब्लड चढ़ाना जरुरी था. उन्होंने बताया कि बच्ची को डॉ प्रदीप निगम ने भर्ती किया गया और उसे ब्लड चढ़ा दिया गया. जिसकी तस्वीर सामने आई है कि जमीन में बैठी बच्ची को ब्लड चढ़ाया जा रहा है. इस मामले पर कार्रवाई की जाएगी.
वहीं इस तस्वीर के वायरल होने के बाद जिला कलेक्टर अनुराग वर्मा ने कहा कि यह मामला संज्ञान में आया है. इस पर कार्रवाई के निर्देश मुख्य चिकित्सा एवं अधिकारी को दे दिए गए हैं.
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