- 19/09/2024
कूल्हों पर पड़े निशान दो-चार दिन में मिट जाएंगे, लेकिन बाल मन में पुलिस की क्रूरता के निशान क्या कभी मिट पाएंगे?


आलेख- विनोद दुबे
नक्सल क्षेत्र में एनकाउंटर के दौरान एक एसपी का रोने का वीडियो वायरल हुआ था। इसके बाद एसपी साहब को रील बनाने का चस्का ऐसा लगा कि वे कभी सड़क पर वीडियो बनवाते कभी आरोपियों से पूछताछ का वीडियो बनवाकर सुर्खियों बटोरने की कवायद में लगे रहते। छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस अभिषेक पल्लव इन दिनों कवर्धा जिले में पदस्थ हैं, देश भर में ये रील वाले एसपी के नाम से मशहूर हैं। अब अभिषेक पल्लव का एक वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है। जिसमें वे जेजे एक्ट की खुलेआम धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे हैं।
वीडियो में वे महिला पुलिस कर्मियों को एक नाबालिग बच्ची को पीटने का आदेश देते नजर आ रहे हैं। मार इसको… मार इसको कहते वे सुने जा सकते हैं।
कहने को तो कानून के रखवाले हैं.. इनके कंधों पर लॉ एंंड ऑर्डर के साथ ही संविधान और कानून का पालन करने और करवाने की जिम्मेदारी भी है। लेकिन नियम कानून तो जैसे इनके लिए खिलौने हों.. बच्चों के अधिकारों के लिए यूनाइटेड नेशन में आवाज गूंजती है.. हिंदुस्तान समेत विश्व के कई देश बाल अधिकारों की रक्षा के लिए कसमें खाते हैं.. देश में जेजे एक्ट बनाया जाता है और एसपी साहब इस जेजे एक्ट की ऐसी धज्जियां उड़ाते हैं कि कानून के रखवाले वो सारे पैरोकार भी देखकर शर्म से पानी-पानी हो जाएं।
अभिषेक पल्लव एमबीबीएस डॉक्टर हैं, मनोचिकित्सक भी रहे हैं.. लेकिन इस बच्ची पर सरकारी डंडे बरसवाते वक्त शायद वो ये भूल गए कि कूल्हों पर इसके निशान दो चार दिन में मिट तो जाएंगे.. लेकिन बाल मन में पुलिस की जो क्रूरता के निशान हैं वो कभी मिट पाएंगे? क्या कभी उसके सवालों का जवाब मिल पाएगा? आखिर उसे घेर कर इस तरह क्यों पीटा गया? क्या वो हत्यारी थी या फिर कोई दंगाई? उसका गुनाह क्या था?
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