• 09/10/2022

होटल की आड़ में सट्‌टे के संचालन का भंडाफोड़, दुबई में गैंग लीडर का लिंक तलाशने में जुटी पुलिस

होटल की आड़ में सट्‌टे के संचालन का भंडाफोड़, दुबई में गैंग लीडर का लिंक तलाशने में जुटी पुलिस

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छत्तीसगढ़ में एक बड़े सट्टे के कारोबार का भंडाफोड़ हुआ है. प्रदेशभर के कई शहरों में बिरयानी सेंटर की आड़ में महादेव बुक चलाने वाले रैकेट का पुलिस ने पर्दाफाश किया है. वहीं पुलिस अब प्रदेश के कई शहरों में महादेव बुक का रैकेट भेदने के बाद पुलिस दुबई में गैंग लीडर का लिंक तलाश कर रही है.

दरअसल, महादेव बुक के रैकेट में शामिल बुकी ने बिरयानी सेंटर में पार्टनर बनाने का झांसा दिया. जिसके बाद ड्राइवरों, ऑटो-रिक्शा वालों की आईडी ले लिया. जिसके बाद बिना उनकी जानकारी के एक आईडी से 6-6 बैंक खाते खोल लिए. इतना ही नहीं पुलिस और प्रशासन को झांसा देने उसी खाते से सट्‌टे के करोड़ों रुपयों का ट्रांजेक्शन भी किया.

मामले का खुलासा तब हुआ है जब पुलिस खाता जिसके नाम पर है उन लोगों तक पहुंची. जिसके बाद बाद पुलिस ने पहली बार राज्य में महादेव बुक रैकेट चलने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है. फिलहाल मामले में पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. वहीं पुलिस अब खाता खुलवाने वाले आरोपियों की तलाश कर रही है. एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि महादेव बुक में 7 बुकी और उनके लिए दांव लेने वाले 55 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

बता दें कि प्रदेशभर में अबतक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है. पुलिस ने अब तक 466 से ज्यादा बैंक खातों का पता लगा चुकी है. जिसका रिकार्ड खंगाला जा रहा है. वहीं पुलिस ने इनमें से कुछ खातों में जमा 95 लाख रुपए को फ्रीज कर दिया है. मामले में पुलिस का कहना है कि इनमें से ज्यादातर लोगों को पता नहीं कि उनके खातों में करोड़ों रुपए का ट्रांजेक्शन हो रहा है. हालांकि पुलिस एक-एक कर खाता खोलने वालों तक पहुंच रही है तब जाकर उन्हें इस बात का पता चल रहा है.

पुलिस के मुताबिक, तात्यापारा निवासी आशीष भालकर और नावेद कुरैशी की जायका बिरयानी सेंटर है. आरोपियों की दुर्ग में भी अपनी ब्रांच खोल रखी है. वहीं आशीष ने महादेव बुक का आईडी ली है. जिससे वह कर्मचारी रखकर उनके माध्यम से आईडी चला रहा है.

आशीष ने नयापारा में रहने वाले अपने दोस्त शेख कमालुद्दीन से संपर्क किया. जिसके बाद अपने बिरयानी सेंटर में पार्टनर बनाने का झांसा दिया. उनसे कहा कि राज्य में ब्रांच खोल रहा हैं. उसमें उन्हें पार्टनर बनाया जाएगा. उनके खाते में पैसा जमा होगा.

आशीष ने उसे बताया कि उसके बदले में उन्हें कुछ पैसे मिलेंगे. जिसके बाद कमालुद्दीन इसके लिए तैयार हो गया. आरोपी ने कमालुद्दीन  से आधार कार्ड, पैन कार्ड, फोटो समेत अन्य दस्तावेज ले लिए. आरोपी ने उसका एटीएम भी रख लिया. उसके बाद आरोपी उसमें महादेव बुक का पैसा जमा कराने लगे.

वहीं जब कमालुद्दीन ने आरोपी आशीष से अपना एटीएम कार्ड और पासबुक मांगी तब बहाना बनाकर टाल दिया. जब महादेव बुक के संबंध में जानकारी हुई तो कमालुद्दीन ने पुलिस से संपर्क किया. भांडा फूटने के बाद आशीष भालकर, नावेद कुरैशी और उनका साथी प्रीतम अग्रवाल फरार है. जिनकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है. साथ ही आरोपी आशीष के नाम पर एक ही बैंक में कई खाते मिले हैं.

पुलिस के मुताबिक महादेव बुक का पैसा शैल कंपनियों के खाते में जमा किया जा रहा है. पुलिस को 200 से ज्यादा शैल कंपनियों की जानकारी मिली है. सभी कंपनियां पं. बंगाल की हैं, जो सिर्फ कागजों पर चल रहा है. इतना ही नहीं कार्पोरेट कंपनियों के नाम पर खाता खोला गया है. पुलिस अब इन फर्जी कंपनियों से पैसा ट्रांजेक्शन की जानकारी निकाल रही है. पुलिस अब यह जांच कर रही कि इन खातों से पैसा कहां जा रहा है और किसके खाते में जमा रहा है. पैसे को कहां निकाला जा रहा है और इसमें कौन-कौन शामिल है.

बता दें कि पुलिस अब अलग-अलग माध्यम से ये पता लगवा रही है कि रैकेट के सरगना और उसके साथी ने किस आधार पर वहां की नागरिकता ली है. उनके साथ कौन-कौन वहां सेटल हुआ है? वहां कौन कौन से शहरों में उन्होंने अपना नेटवर्क फैलाया है. देश के कौन-कौन से शहरों में उनकी बुकी कटिंग ले रहे हैं. आरोपी अभी यहां किस किस के संपर्क में हैं? ये जानकारी भी जुटाई जा रही है.