• 13/03/2024

WhatsApp पर थम्स अप इमोजी के इस्तेमाल से जा सकती है नौकरी? हाईकोर्ट ने क्या कहा

WhatsApp पर थम्स अप इमोजी के इस्तेमाल से जा सकती है नौकरी? हाईकोर्ट ने क्या कहा

Follow us on Google News

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व्हाट्सअप पर चैट के दौरान हम अनके तरह की इमोजी का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन क्या आपको मालूम है थम्स अप इमोजी (अंगूठे वाली) मुश्किलें भी पैदा कर सकता है, यहां तक कि इससे नौकरी तक जा सकती है। इस पर मद्रास हाईकोर्ट ने अहम फैसला दिया है। कोर्ट ने कहा कि किसी भी पोस्ट पर थम्स अप इमोजी लगाा उस पोस्ट का समर्थन करना नहीं माना जा सकता। उसे सिर्फ सूचना की जानकारी मिलने की पुष्टि के तौर पर भी लिया जा सकता है।

जस्टिस डी कृष्णकुमार और जस्टिस आर विजयकुमार की खंडपीठ ने कहा कि इसे ओके शब्द के विकल्प के रुप में माना जा सकता है, न कि हत्या के जश्न के तौर पर समझा जा सकता है।

इसके साथ ही कोर्ट ने रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के कॉन्स्टेबल को फिर से बहाल करने का आदेश दिया है। जिसे पद से बर्खास्त कर दिया गया था। इसके पहले कोर्ट की सिंगल बेंच ने भी नौकरी से हटाए गए कॉन्स्टेबल को फिर से पद पर बहान करने का आदेश दिया था।

महानिदेशक रेलवे सुरक्षा बल बनाम नरेंद्र चौहान मामले में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कहा, “मर्डर से जुड़े किसी भी पोस्ट पर थम्स अप इमोजी को किसी भी हाल में क्रूर हत्या का जश्न मनाने के तौर पर नहीं माना जा सकता है। यह केवल इस तथ्य की स्वीकृति है कि याचिकाकर्ता (कांस्टेबल) ने उक्त संदेश को देखा था।”

ये है मामला

दरअसल साल 2018 में एक असिस्टेंट कमांडेंट की हत्या हुई थी। यह मैसेज आरपीएफ के ऑफिशियल व्हाट्सअप ग्रुप में भेजा गया था। इस मैसेज पर RPF कॉन्स्टेबल नरेंद्र चौहान ने थम्स अप इमोजी पोस्ट की थी। विभाग के अधिकारियों ने इसे खराब आचरण मानते हुए कॉन्सटेबल को सस्पेंड कर दिया था। डीई के बाद उसे बर्खास्त कर दिया गया था। कॉन्सटेबल को बर्खास्त करते वक्त यह दलील दी गई थी कि थम्स अप इमोजी शेयर करना अधिकारी  के मर्डर का नैतिक समर्थन करना था।

नरेंद्र चौहान ने बर्खास्तगी आदेश के खिलाफ साल 2021 में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जिस पर कोर्ट की  सिंगल बेंच ने फैसला दिया था कि चौहान ने गलती से इमोजी पोस्ट कर दी थी और उसे फिर से पद पर बहाल करने का आदेश दिया था। इस फैसले के खिलाफ RPF ने डबल बेंच में अपील की थी।