• 28/09/2022

PFI को केंद्र सरकार ने 5 साल के लिए किया बैन, गृह मंत्रालय ने जारी की अधिसूचना

PFI को केंद्र सरकार ने 5 साल के लिए किया बैन, गृह मंत्रालय ने जारी की अधिसूचना

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केंद्र सरकार ने PFI (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) और उसके सहयोगियों या मोर्चों को तत्काल प्रभाव से 5 साल की अवधि के लिए एक गैरकानूनी संघ के रूप में घोषित किया. PFI के अलावा 8 और संगठनों पर भी कार्रवाई हुई है. गृह मंत्रालय ने इन संगठनों को बैन करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है.

दरअसल, 22 और 27 सितंबर को PFI पर केंद्रीय जांच एजेंसी NIA और ED ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कई राज्यों में छापेमारी की थी. पहली बार की कार्रवाई में PFI के 106 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. जबकि 27 सितंबर को 250 लोग गिरफ्तार हुए थे. इस दौरान जांच एजेंसियों को PFI के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले. जिसके बाद यह कार्रवाई की गई.

गृह मंत्रालय ने मंगलवार देर रात जारी अधिसूचना में कहा कि पीएफआई युवाओं, छात्रों, महिलाओं, इमामो, वकीलों और समाज के कमजोर वर्गों में पहुंच बढ़ाकर गुप्त एजेंडे के तहत एक वर्ग विशेष को कट्टर बना रहा है. संगठन का उद्देश्य लोकतंत्र की अवधारणा को कमजोर करना और संविधान के खिलाफ कार्य करना है.

गृह मंत्रालय ने कहा कि पीएफआई को जांच में गैर कानूनी क्रियाकलापों में संलिप्त पाए जाने के बाद इस पर तथा इससे संबंधित संगठनों को तत्काल प्रभाव से 5 वर्ष के लिए प्रतिबंधित किया जा रहा है.

वहीं PFI के बैन होने पर बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने कहा कि राजस्थान में भी जिस प्रकार कई ज़िलों में दंगा हुआ, उसी समय हम कह रहे थे कि PFI का इसमें हाथ था. यहां (कर्नाटक) पर भी जब सिद्धारमैया कि सरकार था उस समय भी 23 से अधिक लोगों की हत्या हुई थी. देश को अखंड रखने के लिए इसपर (PFI) बैन जरूरी था.

गौरतलब है कि बीते रोज मुंबई एटीएस सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर मिली थी कि PFI के रडार पर RSS और बीजेपी के कई बड़े नेता थे. साथ ही नागपुर स्थित संघ कार्यायल भी PFI के निशाने पर था. वहीं 12 जुलाई 2022 को पटना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की होने रैली भी इस संगठन के निशाने पर थी. PFI के कार्यकर्ता पीएम की रैली को बाधित करने के चक्कर में थे, लेकिन उससे पहले ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था.