• 16/10/2025

फिर बड़े सरेंडर की तैयारी: एक और बड़े लीडर सहित भारी पैमाने पर नक्सली छोड़ने जा रहे हथियार, बस्तर में हचलच तेज

फिर बड़े सरेंडर की तैयारी: एक और बड़े लीडर सहित भारी पैमाने पर नक्सली छोड़ने जा रहे हथियार, बस्तर में हचलच तेज

महाराष्ट्र के बाद अब छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर नक्सली अपना हथियार डालने की तैयारी कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक बड़ी संख्या में नक्सली आत्मसमर्पण के लिए जंगलों से निकल चुके हैं। हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्य धारा में जो माओवादी शामिल होना चाहते हैं उनमें नक्सल संगठन के डीकेएसजेडसीएम कैडर के प्रमुख नक्सली रूपेश का भी नाम शामिल है। रूपेश नक्सलियों का प्रवक्ता और हार्डकोर कैडर है, वह इंद्रावती एरिया कमेटी और माड़ डिवीजन में सक्रिय है।

सूत्रों के मुताबिक रूपेश सहित कई बड़े नक्सली लीडर छत्तीसगढ़ पुलिस के बड़े अफसरों के संपर्क में हैं और वे हथियार छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि बड़ी संख्या में नक्सलियों की आमद को देखते हुए भारी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया गया है। लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं की गई है।

कांकेर में 100 नक्सलियों का सामूहिक आत्मसमर्पण

इस बीच, 15 अक्टूबर को उत्तर बस्तर के कांकेर जिले में करीब 100 नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया। इनमें डिवीजनल कमेटी मेंबर (डीवीसीएम) और कंपनी नंबर-5 के कमांडर राजू सलाम, कमांडर प्रसाद, मीना समेत कई टॉप लीडर शामिल हैं। जंगलों से बाहर निकले ये नक्सली बसों के जरिए कामतेड़ा बीएसएफ कैंप पहुंचे, जहां उन्होंने हथियार डाल दिए। सुरक्षा कारणों से कैंप को हाई अलर्ट पर रखा गया था।

भूपति का सरेंडर: पोलित ब्यूरो को झटका

इससे एक दिन पहले, 14 अक्टूबर को महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में नक्सल संगठन के पोलित ब्यूरो सदस्य मोजुल्ला वेणुगोपाल उर्फ भूपति ने अपने 60 साथियों समेत सरेंडर कर दिया। भूपति, जो तेलंगाना के निवासी हैं और 1980 के दशक से माओवादी संगठन से जुड़े थे, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा समेत कई राज्यों में मोस्ट वांटेड था। छत्तीसगढ़ सरकार ने उसके सिर पर 1 से डेढ़ करोड़ रुपये का इनाम घोषित किया था, जबकि कुल इनाम 6 करोड़ रुपये से अधिक था।

गढ़चिरौली पुलिस के अनुसार, भूपति ने 7 एके-47 सहित भारी मात्रा में हथियार सौंपे। इस सरेंडर के बाद छत्तीसगढ़ में भी आत्मसमर्पण का सिलसिला तेज हो गया है। बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने कहा, “भूपति जैसे बड़े नेताओं का सरेंडर संगठन की रीढ़ तोड़ रहा है।”

20 महीनों में 1,876 नक्सलियों का सरेंडर: आईजी सुंदरराज का बयान

बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि पिछले 20 महीनों में 1,876 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। ये सभी शासन की पुनर्वास नीति का लाभ लेकर मुख्यधारा में लौट रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमें पूर्ण विश्वास है कि आने वाले समय में और भी माओवादी इस सकारात्मक रास्ते को अपनाएंगे। सरेंडर ही उनका एकमात्र विकल्प है।” राज्य सरकार की ‘लोन वर्राटू’ (घर वापसी) और ‘नियद नेल्ला नार’ जैसी योजनाओं से प्रभावित होकर नक्सली हिंसा छोड़ रहे हैं।