- 30/01/2024
CM हेमंत सोरेन लापता, एयरपोर्ट पर अलर्ट, घर से 36 लाख कैश और BMW जब्त
कथित लैंड स्कैम से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन घिरते नजर आ रहे हैं। सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम सोरेन के दिल्ली शांति निकेतन स्थित घर सहित 3 ठिकानों पर छापा मारा। देर रात तक ईडी की कार्रवाई चलती रही। इस दौरान ईडी की टीम को हेमंत सोरेन तो नहीं मिल अलबत्ता जांच एजेंसी ने उनकी BMW कार अपने साथ ले गई। सूत्रों के मुताबिक ई़डी ने 36 लाख रुपये कैश और कुछ दस्तावेज भी जब्त किए हैं।
ईडी की टीम को हेमंत सोरेन न दिल्ली में मिले और न ही रांची में। जानकारी के मुताबिक ईडी की टीम ने उनके ड्राइवर से भी पूछताछ की लेकिन उनका पता नहीं चला। जिसके बाद जांच एजेंसी ने दिल्ली एयरपोर्ट पर हेमंत सोरेन को लेकर अलर्ट भेजा है।
दिल्ली आने के बाद से हेमंत सोरेन कहां हैं इसकी कोई जानकारी नहीं है। उनका चार्टेड प्लेन दिल्ली एयरपोर्ट पर खड़ा है। वहीं उनके स्टाफ के कई लोगों के फोन भी स्वीच ऑफ हैं।
Jharkhand CM Hemant Soren remains untraceable. Enforcement Directorate has recovered Rs 36 lakhs in cash and also seized two cars from the Delhi residence of Jharkhand CM Hemant Soren during the probe into a money laundering case linked to an alleged land scam: Sources pic.twitter.com/Hx605sZAiW
— ANI (@ANI) January 30, 2024
इससे पहले ई़डी ने 20 जनवरी को हेमंत सोरेन से रांची में उनके आवास पर पूछताछ की थी। जिसके बाद जांच एजेंसी ने उन्हें नया समन जारी किया था। जिसमें उनसे पूछा गया था कि वे पूछताछ के लिए 29 जनवरी से 31 जनवरी के बीच कब उपस्थित रहेंगे।
विधायकों को निर्देश
इधर मौजूदा घटनाक्रम को देखते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने गठबंधन के सभी विधायकों को रांची में रहने का निर्देश दिया है। झारखंड में जेएमएम, आरजेडी और कांग्रेस सत्तारुढ़ गठबंधन के सदस्य दल हैं।
सोरेने ने ED को लिखा पत्र
उधर हेमंत सोरेन ने ईडी को पत्र भेजा है। जिसमें उन्होंने लिखा, “आप अच्छी तरह से जानते हैं कि विधानसभा का बजट सत्र 2 और 29 फरवरी 2024 के बीच है। पूर्व निर्धारित अन्य व्यस्तताओं के अलावा उसी की तैयारियों में व्यस्त रहेंगे। इन परिस्थितियों में 31 जनवरी 2024 को या उससे पहले एक और बयान दर्ज करने का आपका आग्रह दुर्भावनापूर्ण है। यह राज्य सरकार के कामकाज को बाधित करने और लोगों के एक निर्वाचित प्रतिनिधि को अपने आधिकारिक कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोकने के आपके राजनीतिक एजेंडे को उजागर करता है।”