• 21/03/2024

रेलवे टिकट खरीदने के भी पैसे नहीं, प्रचार भी नहीं कर पा रहे, कोर्ट-इलेक्शन कमीशन सब खामोश हैं, कांग्रेस का बैंक अकाउंट फ्रीज होने पर बरसे राहुल गांधी

रेलवे टिकट खरीदने के भी पैसे नहीं, प्रचार भी नहीं कर पा रहे, कोर्ट-इलेक्शन कमीशन सब खामोश हैं, कांग्रेस का बैंक अकाउंट फ्रीज होने पर बरसे राहुल गांधी

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लोकसभा चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस का बैंक अकाउंट फ्रीज हो गया है। अकाउंट फ्रीज होने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केन्द्र सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र नहीं है। हम अपना प्रचार नहीं कर पा रहे हैं। कोर्ट इलेक्शन कमीशन सब खामोश हैं।

राहुल गांधी ने कहा, “एक महीने पहले कांग्रेस के सारे बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिए गए। आप किसी परिवार का बैंक अकाउंट, किसी बिजनेस, किसी भी संस्था का बैंक अकाउंट फ्रीज कर दीजिए वो एकदम खत्म हो जाता है। अगर आप ने किसी परिवार का बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिया तो वो भूखे मर जाते हैं, वो कांग्रेस पार्टी के साथ किया जा रहा है।”

राहुल गांधी ने आगे कहा, “एक महीने बैंक अकाउंट फ्रीज किया लेकिन हिन्दुस्तान की किसी भी संस्था ने कोर्ट ने इलेक्शन कमीशन ने कुछ नहीं कहा। सब ड्रामा देख रहे हैं। देश के 20 प्रतिशत लोग कांग्रेस को वोट देते है, हम उनका प्रतिनिधित्व करते हैं। आज हम रेलवे टिकट नहीं खरीद सकते, आज हम अपने नेता को एक शहर से दूसरे शहर नहीं भेज सकते। हम एडवरटाइजमेंट नहीं लगा सकते।”

प्रधानमंत्री कर रहे क्रिमिनल एक्शन

कांग्रेस नेता ने आगे कहा, “7 साल पहले 14 लाख रुपये का इश्यू है और 200 करोड़ रुपये का फाइन। इंकम टैक्स एक्ट कहता है कि ज्यादा से ज्यादा 10 हजार रुपये फाइन लगेगा। ये हिन्दुस्तान का लोकतंत्र है। ये कांग्रेस और हिन्दुस्तान के लोकतंत्र के खिलाफ क्रिमिनल एक्शन है और ये क्रिमिनल एक्शन हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री कर रहे हैं।”

दुनिया की सबसे बड़ी डेमोक्रेसी.. झूठ है

उन्होंने आगे कहा, “मेरी विनती है कि जो हिन्दुस्तान की संस्थाएं हैं जो लोकतंत्र की रक्षा करते हैं। हिन्दुस्तान के कोर्ट, इलेक्शन कमीशन इसके बारे में कुछ करें। ये कहना कि हिन्दुस्तान दुनिया की सबसे बड़ी डेमोक्रेसी है ये झूठ है। यहां कोई डेमोक्रेसी नहीं है। सबसे बड़े विपक्षी दल का बैंक अकाउंट बंद कर दिया और एक महीने तक कोई कुछ नहीं बोल रहा। केसरी जी के टाइम से ये नोटिस आया है। अजीब सी स्थिति है सब देख रहे हैं। सभी संस्थाओं कोर्ट, इलेक्शन कमेटी का इसमें रोल है।”