- 09/05/2024
बढ़ती मुस्लिम आबादी पर बढ़ी सियासी सरगर्मी, बीजेपी ने रिपोर्ट पर जताई चिंता, कांग्रेस को घेरा
लोकसभा चुनाव के बीच अब मुस्लिमों की जनसंख्या के मुद्दे ने सियासी सरगर्मियां बढ़ा दी हैं। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट के बाद बयानबाजी का सिलसिला तेज हो चुका है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 1950 से 2015 के बीच हिंदू आबादी में 7.82 प्रतिशत की कमी आई, जबकि मुसलमानों की आबादी में 43.15 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिससे पता चलता है कि देश में विविधता को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल माहौल है।
भाजपा ने मुसलमानों की मुस्लिम आबादी में बढ़ोतरी पर चिंता जताई है। भाजपा ने गुरुवार को एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण पर मुस्लिम आबादी के प्रभाव पर आश्चर्य जताया और दावा किया कि कांग्रेस सत्ता में आने पर अल्पसंख्यक समुदाय को आरक्षण कोटा प्रदान करेगी।
भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी का कहना है कि यही सच्चाई है और लगभग एक दशक से इस पर चर्चा हो रही है। 1951 की जनगणना के समय देश की हिंदुओं की आबादी 88 प्रतिशत थी और 9.5 फीसदी मुस्लिम थे। 2011 की जनगणना में हिंदू की आबादी 80 प्रतिशत से घटकर 79.8 प्रतिशत हो गई, जबकि मुस्लिम आबादी का प्रतिशत 14.5 से अधिक हो गया।
उन्होंने कहा कि सवाल यह है कि अगर इसी गति से जनसंख्या बढ़ती रही और कांग्रेस जनसंख्या के आधार पर मुसलमानों को आरक्षण देने पर आमादा हो गई, तो एससी, एसटी और ओबीसी के हिस्से में कटौती की जाएगी।