• 13/06/2022

दोबारा फिर ईडी दफ्तर पहुंचे राहुल गांधी, पहले 3 घंटे तक चली थी पूछताछ, भूपेश बघेल सहित कई नेता हिरासत में

दोबारा फिर ईडी दफ्तर पहुंचे राहुल गांधी, पहले 3 घंटे तक चली थी पूछताछ, भूपेश बघेल सहित कई नेता हिरासत में

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नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड केस में ईडी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से 3 घंटे तक लंबी पूछताछ की थी। जिसके बाद उन्हें लंच ब्रेक दिया गया था। लंच ब्रेक के दौरान वो अपनी मां सोनिया गांधी से मिलने सर गंगाराम अस्पताल पहुंचे और फिर वापस ईडी दफ्तर पहुंचे।

इससे पहले राहुल गांधी से ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर लेवल के अधिकारियों ने पूछताछ की। अफसरों ने उऩसे 50 से ज्यादा सवाल किए। राहुल से पूछताछ के लिए सवालों की लंबी सूची बनाई गई थी। तकरीबन 3 घंटे तक चली लंबी पूछताछ में उनसे नेशनल हेराल्ड और यंग इंडिया कंपनी से जुड़े सवाल पूछे गए।

वहीं राहुल गांधी से पूछताछ को लेकर कांग्रेस ने देशभर में विरोध प्रदर्शन किया। दिल्ली पुलिस ने राहुल गांधी के साथ ईडी दफ्तर जा रहे कांग्रेस नेताओं को हिरासत में लिया था। जिन नेताओं को ईडी ने हिरासत में लिया उनमें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत शामिल हैं। हिरासत में लिए गए सभी नेताओं को तुगलक रोड पुलिस स्टेशन ले जाया गया। इन नेताओं से मिलने प्रियंका गांधी पुलिस स्टेशन पहुंची।

इससे पहले सुबह राहुल गांधी पार्टी मुख्यालय पहुंचे। यहां पार्टी नेताओं के साथ राहुल औऱ प्रियंका गांधी ने मीटिंग की। जिसके बाद राहुल गांधी कांग्रेस नेताओं के साथ ईडी दफ्तर के लिए पैदल निकले। राहुल के साथ ईडी दफ्तर के लिए निकले नेताओं को दिल्ली पुलिस ने बीच रास्ते में रोक दिया। जिसके बाद सभी सड़क पर धऱने पर बैठ गए। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प भी हुई और पुलिस ने नेताओं को हिरासत में ले लिया।

राहुल के अलावा ईडी ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी 23 जून को पूछताछ के लिए बुलाया है। सोनिया गांधी से इससे पहले 8 जून को पूछताछ होना था लेकिन कोरोना पॉजीटिव होने की वजह से वे ईडी के सामने पेश नहीं हो पाई। रविवार को उनकी तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

ये है मामला

आपको बता दें ​​​1938 में कांग्रेस पार्टी ने एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (AJL) बनाई थी। AJL द्वारा नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशन किया जाता था। वक्त के साथ AJL पर 90 करोड़ से ज्यादा की देनदारियां थी। 90 करोड़ के इस कर्ज को खत्म करने के लिए एक कंपनी यंग इंडिया लिमिटेड बनाई गई। सभी कर्ज चुकाने के एवज में AJL के 9 करोड़ शेयर यंग इंडिया को दिए गए। शेयर ज्यादा होने से यंग इंडिया को मालिकाना हक मिला। यंग इंडिया में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की 38-38 फीसदी हिस्सेदारी थी। AJL के कर्ज को चुकाने के लिए कांग्रेस ने 90 करोड़ का लोन दिया था उसे भी बाद में माफ कर दिया।

साल 2012 में सुब्रमण्यम स्वामी ने गांधी परिवार पर 55 करोड़ की गड़बड़ी का आरोप लगाया था। मामले में स्वामी ने राहुल और सोनिया के खिलाफ कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इसमें सोनिया-राहुल के अलावा गांधी परिवार के करीबी मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस, सुमन दुबे और सैम पित्रोदा को आरोपी बनाया गया था। जिसमें कि मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस का देहांत हो गया है।

इस मामले में ईडी ने साल 2014 में सभी नेताओं के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया और साल 2019 में ईडी ने इस मामले से जुड़ी 64 करोड़ की संपत्ति जब्त कर लिया। इससे पहले साल 2015 में कोर्ट ने आरोपी बनाए गए सभी नेताओं को जमानत दे दिया था। मामले में कोर्ट ने राहुल गांधी और सोनिया गांधी को झटका देते हुए साल 2018 में उनकी याचिका को खारिज कर दिया। कांग्रेस ने मामले में सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, जिस पर कोर्ट ने आयकर की जांच जारी रखने के आदेश दिए थे।

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