• 19/09/2022

क्या आप जानते हैं? कागज से नहीं बनता आपके जेब में पड़ा 2000-500 का नोट, एक क्लिक में जानिए सब कुछ

क्या आप जानते हैं? कागज से नहीं बनता आपके जेब में पड़ा 2000-500 का नोट, एक क्लिक में जानिए सब कुछ

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हम रोजाना 10 लेकर 500 या 2000 के नोट का इस्तेमाल करते हैं. खरीदारी करने से लेकर हर छोटे बड़े काम की पेमेंट करने के लिए हम नोट का इस्तेमाल करते हैं. इसके साथ हमें इस बात का भी अक्सर ख्याल रखना पड़ता है कि जेब में नोट कहीं ये कागज का गल या फट ना जाए, लेकिन क्या ये नोट वाकई कागज से बनता है? ज्यादातर लोग यही सोचते हैं कि भारतीय करेंसी नोट कागज से ही तैयार किए जाते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. कागज के बनाए जाएंगे तो उन नोटों की उम्र ज्यादा नहीं होगी. कम समय में ही वे नोट फट जाते या गल जाते, लेकिन कागज की तुलना में हमारे नोट ज्यादा टिकाऊ होते हैं, पता है क्‍यों?

दरअसल ये नोट कागज के नहीं, बल्कि कपास के बनाए जाते हैं. भारतीय नोट 100 प्रतिशत कपास से तैयार किए जाते हैं. केंद्रीय बैंक RBI की वेबसाइट पर नोटों के बारे में दिए गए FAQs में इस बात की जानकारी दर्ज है. रिजर्व बैंक के मुताबिक, नोट बनाने में 100 प्रतिशत कपास का यूज होता है, जिससे नोट लंबे समय तक चलता है. जो कागज के मुकाबले अधिक टिकाउ होता है. भारत ही नहीं अन्य कई देश अपने नोट को बनाने के लिए कपास का इस्तेमाल किया जाता है. छूने में यह बिल्कुल कागज जैसे ही लगते हैं, लेकिन कागज होते नहीं हैं.

कपास के रेशे में एक लेनिन नाम का फाइबर पाया जाता है. नोट बनाने के लिए कपास के साथ गैटलिन और Adhesive Solution का इस्तेमाल किया जाता है और यही वजह है कि नोट की उम्र लंबी हो जाती है. कागज तैयार करने के लिए दुनिया में 4 फर्म हैं. फ्रांस के अर्जो विगिज, अमेरिका के पोर्टल, स्वीडन के गेन, पेपर फैब्रिक्स ल्यूसेंटल.

भारत में यहां छपते हैं नोट